Eastern Ladakh
पूर्वी लद्दाख में इस बार सर्दियों के दौरान चीन की करतूतों पर नजर रखने के लिए भारतीय सेना अलर्ट माेड पर है। पूर्वी लद्दाख की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डेमचोक और देपसांग में 50 हजार सैनिकों के लिए हथियार और सभी जरुरी सामानों की व्यवस्था कर दी गई है।
भारतीय सेना ने फिर कसी कमर
LAC पर तैनात हर सैनिक की वर्दी के लिए एक लाख रुपए का बजट रखा गया है। गलवान में मई, 2020 में चीन के हमले के बाद ये तीसरा साल है, जब लद्दाख में भारतीय सेना सर्दियों में चीनी मंसूबे को विफल करने के लिए कमर कसे हुए है। गलवान के बाद भारत-चीन में 16 दौर की बातचीत हो चुकी है। फिर भी चीन अपने सैनिकों को गलवान पहले की स्थिति में नहीं ला रहा है।
जनरल पांडे बोले, चीन बढ़ा सकता है फौज का जमावड़ा
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने हाल में कहा था कि चीन ने LAC पर फौज को कम नहीं किया है। संकेत हैं कि चीन सर्दियों में अपना फौजी जमावड़ा बढ़ा सकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि LAC पर हालात अभी स्थिर हैं, लेकिन आगे का पूर्वानुमान लगाना कठिन है।
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जवानों के लिए थ्री लेयर वाली वर्दी, स्पेशल टेंट भी
12 हजार फुट की ऊंचाई वाले पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय जवानों के लिए स्पेशल थ्री लेयर वाली वर्दी मुहैया कराई गई है। आउटपोस्ट पर सर्दी से बचाव के लिए विशेष थर्मो टेंट लगाए हैं। खास डाइट सप्लीमेंट भी दिए जा रहे हैं। पैंगॉन्ग झील से हॉट स्प्रिंग तक बीआरओ ने 20 किमी सड़क बना दी है।
2020 में चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सेना पर हमला किया
2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को तैनात कर दिया था। इसके बाद इस इलाके में कई जगहों पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी इस इलाके में चीन के बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी थी।
हालात इतने खराब हो गए थे कि 4 दशक से ज्यादा वक्त के बाद LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ी कुछ अहम खबरों को नीचे पढ़ें…
पूर्वी लद्दाख में 3 KM पीछे हटी चीनी सेना; नई सैटेलाइट इमेज से खुलासा
दो महीने पहले मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट तस्वीरों से यह खुलासा हुआ था कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में LAC के पार अपने कब्जे वाली जगह से 3 किलोमीटर पीछे हटी थी।