विमल, बढ़का और चिरई बुंदेलखंड के उन गांवों में रहते हैं, जहां खोदने से भी पानी नहीं निकलता। वैसे बुंदेलखंड में पानी की कमी एक पुरानी खबर की तरह है, जो सालभर अखबारों की सुर्खियों में बनी रहती है। ये सच्चाई अब यहां के पुरुषों के लिए श्राप बन गई है। कुछ युवा 40 की उम्र के बाद भी कुंवारे हैं। दूसरे वो हैं जिन्हें शादी के बाद पत्नियां छोड़कर चली गईं।
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Vimal, Badhka and Chirai live in villages in Bundelkhand where even digging does not yield water. By the way, water scarcity in Bundelkhand is like an old news, which remains in the headlines of newspapers throughout the year. This truth has now become a curse for the men here. Some youths are bachelors even after the age of 40. Others are those whose wives left them after marriage.