नीमच। नीमच जिला पुलिस अधीक्षक सूरजकुमार वर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने बडी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जो नीमच के इतिहास में सबसे बडी मानी जा रही है, पहले एक या दो खेत अफीम अथवा गांजे के पकड में आए थे, लेकिन बरलई के पास करीब दस बीघा जमीन पर अवैध खेती पाई गई, यूं कहें कि तस्कर बैखोफ होकर अफीम और गांजे की खेती कर रही थे। एक अनुमान लगाया जा रहा है कि सात बीघा में गांजा और तीन बीघा में अफीम की खेती से टनों से मादक पदार्थ निकलता है और इसे तस्करी में बेचने पर तस्करों को करोडों रूपए मिलते।
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अफीम और गांजे की खेती के पीछे जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, वह हैरत में डालने वाली है और पूरे सिस्टम पर तमाचा मार रही है। बताया जा रहा है कि पाटीदार समाज के दबंगों का आसपास के गांवों में दबदबा है, रसूख के साथ—साथ इनकी राजनीति भी पहुंच है। ग्राम पंचायत सचिव से लेकर पटवारी पाटीदार समाज के है, सचिव विनोद पिता नंदलाल पाटीदार निवासी बरलई, उसका भाई राधेश्याम, बरलई गांव के अशोक पाटीदार, शिवलाल पाटीदार, पंकज पिता मांगीलाल पाटीदार हावडा, गुडडा सरपंच शिवपुरिया चक्की सहित अन्य लोग कुछ लोगों को मजदूरी के बदले रखकर बडे पैमाने पर अवैध अफीम और गांजे की खेती को अंजाम दे रहे थे.
इस क्षेत्र का पटवारी का नाम अर्जुन पाटीदार है, वह भी इस खेल में शामिल है, सूत्र बताते है कि बीते दस वर्षों से अवैध खेती का खेल चल रहा है। ये लोग करोडों के आसामी अवैध खेती के जरिए हो चुके है, इनकी सपंत्ति की जांच पडताल की जाए तो नीमच, मनासा, कुकडेश्वर, इंदौर में कई प्रापर्टी इनके नाम से मिलेगी और करोडों रूपए बैंक खातों में मिलेेंगे। इनके पास जेसीबी मशीन से लेकर एलएनटी मशीनें भी है और महंगी कारें भी रखते है। आय का एक मात्र तस्करी बताया जा रहा है। टनों अफीम और गांजे की तस्करी अब तक ये कर चुके है। पुलिस भी इनकी कुंडली निकाल रही है, जांच में और बडे खुलासें होने से इनकार नहीं किया जा सकता