Narmadapuram : महिला ने बताया की उसका पति ट्रक चलाता है। अक्सर बाहर रहता है। जून 2015 में महिला की बच्ची की तबीयत खराब हो गई थी। पति घर पर नहीं था। तब अपनी जरूरत के कारण मोहल्ले के नाथुराम यादव से ब्याज से 5000 रुपए कर्ज लिया था। इसके 22000 रुपए नाथूराम को दे चुकी थी। इसके बाद भी नाथूराम रुपए की मांग करता और वह काफी दबाव डालता था जिसके कारण, गिरवी के रूप में एक चांदी का चूड़ा, एक चांदी की पैर पट्टी, एक चांदी का बिल्ला, बच्चे की हाय (जिसमें दो चांदी के, एक सोने का लॉकेट लगा हुआ) है ले लिया।

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यह सब के बाद भी उसने दवाब बनाना बांध नहीं किया और पेसे नहीं देने पर वो अपशब्द कहता था। नाथूराम ने धमकी दी थी कि अगर पैसा देना बंद किया तो जान से खत्म कर दूंगा। 21 नवंबर 2017 को महिला फोटो कॉपी कराने जा रही थी, तब सूदखोर नाथुराम उसके घर के सामने मिला और पैसे मांगने लगा। कर्ज के बदले में रिलेशन बनाने को कहा।

नर्मदापुरम में 5 हजार रुपए के बदले 22 हजार रुपए वसूलने और गिरवी रखे जेवर नहीं लौटाने पर सूदखोर नाथूराम यादव को तीन माह जेल में रहना होगा। न्यायिक मजिस्ट्रेट स्निग्धा पाठक ने विभिन्न धाराओं में तीन-तीन माह का कारावास व 500-500 रुपए का अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी नाथूराम यादव कर्ज के बदले महिला से संबंध बनाने का दबाव भी डाल रहा था।

महिला ने थाने में शिकायत की। कोर्ट में मामला की जांच शुरू हुई। आरोपी नाथूराम से फरियादी के गिरवी की रकम और एक डायरी जब्त की। इसमें फरियादी के द्वारा लिए गए कर्ज का हिसाब लिखा था। इससे आरोपी नाथूराम यादव दोषी सिद्ध हुआ। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी स्निग्धा पाठक ने 13 दिसंबर 2022 को आरोपी नाथूराम को धारा 4 मप्र ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 में 3 माह साधारण कारावास 500 रू. अर्थदंड एवं धारा 294 भादवि 3 माह साधारण कारावास 500 रू. अर्थदंड एवं धारा 506 भादवि 3 माह साधारण कारावास 500 रू. अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से प्रमोद सिंह पटेल सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सशक्त पैरवी की।.