तुर्किये और सीरिया में भूकंप से खतरनाक तबाही मची है। दोनों ही देशों में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक 24,165 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 78 हजार के पार हो गई है। अकेले तुर्किये में ही 20,665 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 3,500 लोग मारे गए हैं।
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वहीं भारत ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये और सीरिया की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। 10 फरवरी को भारतीय सेना की टीम ने नुरदागी शहर से एक साल की बच्ची को मलबे से पांच दिन बाद जिंदा बाहर निकाल लिया। साथ ही तुर्किये के हताय प्रांत में बनाए गए भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में लगातार लोगों का ईलाज किया जा रहा है। अभी तक यहां 106 लोगों को भर्ती किया गया है ये संख्या रोज बढ़ रही है।
आज के बड़े अपडेट्स…
सीरिया में क्यूबा ने अपनी व्हाइट कोट आर्मी भेजी है। इसमें 32 डॉक्टर शामिल हैं जो भूकंप में बचाए हुए लोगों का इलाज करेंगे।
UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक सीरिया और तुर्किये में भूकंप पीड़ितों को खाना खिलाने के लिए 635 करोड़ से ज्यादा रुपयों की जरूरत है।
भूकंप की वजह से सीरिया में 2 लाख 84 हजार तो तुर्किये में 5 लाख 90 हजार लोग विस्थापित हो गए हैं।
सीरिया में मलबे में दबी मां और उसके दो बच्चों को पांच दिन बाद जिंदा निकाला गया।
भारत का प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड भी तुर्किये के बचाव कार्य में शामिल
बचाव कार्य के लिए तुर्किये गई भारतीयों की टीम में डॉग स्क्वाड भी है। इनमें जूली-रोमियो-हनी और रैंबो नाम के डॉग्स शामिल हैं। जो लैब्राडोर नस्ल के हैं और विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। ये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में विशेषज्ञ हैं।
तुर्किये में वॉलीबॉल खेलने गए बच्चे, अब मां-बाप उनके शव ढूंढ रहे
तुर्किये के फामागुस्ता शहर से 39 बच्चों की एक वॉलीबॉल टीम अदियामन शहर गई थी। यहां टीम जिस होटल में ठहरी हुई थी, वो भूकंप के बाद धराशायी हो गया। 5 दिन बाद भी उनकी तलाश जारी है। रेस्क्यू टीम का कहना है कि उन्हें तबाह हुए 7 मंजिला होटल के मलबे से 3 शव मिले हैं। इनमें से दो शव टीचर्स के हैं। एक शव 8वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट का है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मां-बाप भी बच्चों के शव ढूंढने में लगे हुए हैं।