जोशीमठ का भूस्खलन उत्तराखंड के साथ-साथ देश के लिए भी चिंता का विषय बन गया था। लेकिन वहां परिस्थितियां सामान्य होते ही एक बार फिर ऐसे ही हैरान करन देने वाली घटना सामने आ सकती है। नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पूर्णचंद्र राव का दावा है कि हिमालय के क्षेत्र में जल्द ही बड़ा भूकंप आ सकता है। इसकी तीव्रता काफी तेज होने की वजह से चारों तरफ तबाही के मंजर देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि क्षेत्र में इमारतों को सही तरह से बना कर इस आपदा से जान-माल को बचाया जा सकता है। राव का दावा है कि धरती की परत कई प्लेट्स से मिलकर बनी हुई हैं। इन प्लेट्स में लगातार विचलन हो रहा है। भारत की प्लेट्स में हर साल 5 सेंटामीटर का गैप आ रहा है। जो काफी भयानक हो सकता है। इन्हीं कारणों से हिमालय के क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है। जो देश के लिए भविष्य में गहरा संकट बन सकता है।
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डॉ. पूर्णचंद्र राव का कहना है कि हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं। राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रहने का अनुमान है। दो हफ्ते पहले तुक्री में आए भूकंप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस आपदा में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जिसकी एक मुख्य वजह भवनों का औसत निर्माण है। राव कहते हैं कि भूकंप के झटके ये इमारतें रोक नहीं सकतीं लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन को तो मान सकते हैं। इस आपदा को देखते हुए हमें अपने आवास को भूकंपरोधी बनना होगा।
कुछ दिनों पहले हिमालय क्षेत्र को लेकर वाडिया इंस्टीट्यूट ने अपने रिसर्च में पाया था कि हिमालय क्षेत्र का सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक गंगोत्री ग्लेशियर करीब 9 दशक में अपनी जगह से 1.7 किमी तक खिसक गया है। ऐसा ही कुछ अन्य ग्लेशियर में भी देखने को मिल रहा है। 150 सालों में हिमालय के क्षेत्र में पांच सबसे बड़े भूकंप आ चुके हैं। जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।