छिंदवाड़ा: अमरवाड़ा माचागोरा डेम से सिंचाई के लिए नहर की मांग को लेकर क्षेत्र के किसानों ने मंगलवार को आंदोलन का जिटल डेस्कशुभारंभ किया। 100 से अधिक ट्रैक्टर लेकर पहुंचे किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने सड़क पर प्रदर्शन किया। इससे पहले किसानों ने नगर में विशाल रैली निकाली। एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने के लिए पहुंचे किसान कलेक्टर को अमरवाड़ा बुलाने पर अड़ गए। एसडीएम मनोज प्रजापति ने किसानों को समझाइश देकर शांत कराया।
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राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के तत्वावधान में तहसील क्षेत्र के किसानों ने मंगलवार को तहसील मुख्यालय में आंदोलन किया। आंदोलन में दूरदराज से आए सैकड़ों किसानों ने माचागोरा डेम से अमरवाड़ा तहसील के गांवों में सिंचाई के लिए पानी व्यवस्था बनाने की मांग की। आंदोलन के दौरान किसानों ने नहर नहीं तो वोट नहीं का एलान किया। पहले किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां किसान नेताओं ने सभा को संबोधित किया। किसानों ने उनकी मांग पूरी करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है, यदि समय सीमा में कोई निर्णय नहीं हुआ तो हाइवे पर
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष बीएल उइके ने कहा कि माचागोरा बांध से 15 किलोमीटर दूर स्थित गांवों में लिफ्ट इरीगेशन सिस्टम के माध्यम से पानी पहुंच सकता है। इसको लेकर हम 2013 से प्रयासरत हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुनती। यदि हमारी मांगो को को नहीं माना गया तो हम विधानसभा लोकसभा सहित समस्त चुनावों का बहिष्कार करेंगे। आंदोलन में मरकावाडा, लिंगपानी, खिरेटी, उमरिया, धतुरिया, पिपरिया बिरसा, घाट सालीवाडा, बिनेकी, बिनेकी ढाना, सालीवाडा शारदा थावड़ी सकरू टोला, चंदनगांव, चिखली, छुई, पौनार, डूंगरिया पिपरिया सहित आसपास गांव के किसान शामिल हैं।
छिंदवाड़ा। माचागोरा बांध पर नहर और माइक्रो इरीगेशन सिस्टम का भार पहले ही ज्यादा हो गया है। नहर और माइक्रो सिस्टम से कुल 410 गांवों की 1 लाख 26 हजार 647 हेक्टेयर भूमि सिंचित होना है। इसमें छिंदवाड़ा जिले के 258 गांव की 81 हजार 59 हेक्टेयर भूमि तो सिवनी जिले के 152 गांवों की 45 हजार 588 हेक्टेयर भूमि सिंचित होना है। सूत्रों के मुताबिक डेम की क्षमता के अनुसार बूंद-बूंद पानी के हिसाब से परियोजनाएं पहले ही बन चुकी है। इन नहर या माइक्रो सिस्टम में कटौती कर ही नई जगह पानी दिया जा सकता है।