(MCD) की स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटिंग-काउंटिंग के दौरान हंगामा हुआ। मेयर शैली ओबेरॉय ने एक वोट को अनवैलिड घोषित कर रिकाउंटिंग का आदेश दिया। इससे भाजपा के पार्षद नारेबाजी करने लगे। सत्तारूढ़ AAP पार्षदों ने भी विरोध किया। टेबल्स पर चढ़कर नारेबाजी धक्का-मुक्की करने लगे। एक-दूसरे को लात-घूंसे मारे। जूते और चप्पल भी चले।
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महिला पार्षद भी पीछे नहीं रहीं। ये भी जूते चलाती दिखीं। पुरुष पार्षदों को धक्का देती दिखीं। इस दौरान कुछ पार्षदों के कुर्ते फट गए। एक पार्षद चक्कर खाकर गिर पड़े। हालात को देखते हुए मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव स्थगित कर दिए। कहा- स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव अब 27 फरवरी को होंगे। भाजपा ने कहा कि हम चुनाव रोकने के लिए कोर्ट जाएंगे।
मेयर चुनाव बीत जाने के दो दिन बाद शुक्रवार को स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के लिए वोटिंग हुई। 250 सदस्यों वाली MCD में 242 सदस्यों ने ही वोट डाले। वोटों की गिनती के दौरान एक वोट अनवैलिड हुआ तो भाजपा पार्षदों ने चीटर-चीटर और चोर-चोर के नारे लगाने शुरू कर दिए।
अब तक स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में दोनों पार्टी के तीन-तीन सदस्य जीते थे। इन सदस्यों की लिस्ट पर मेयर शैली ओबेरॉय ने साइन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने एक वोट को अनवैलिड बताकर रिकॉउंटिंग का आदेश दिया। रिकाउंटिंग के फैसले पर निगम सचिव ने साइन करने से मना कर दिया। इस पर मेयर और निगम सचिव के बीच तल्ख बातचीत हो गई।
दोनों के बीच हुई तनातनी के दौरान भाजपा पार्षदों ने अनवैलिड वोट को वैलिड करने की मांग की तो मेयर ने इनकार कर दिया। इस पर भाजपा पार्षद टेबल पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। उन्हें रोकने के लिए AAP पार्षद आगे बढ़े तो दोनों पार्टियों के पार्षदों में मारपीट शुरू हो गई। हंगामे के बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा- अब चुनाव 27 फरवरी को होगा।
स्टैंडिंग कमेटी ही MCD में सबसे ताकतवर है। यह कमेटी कॉर्पोरेशन का कामकाज और मैनेजमेंट का काम देखती है। इसके अलावा प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मंजूरी देने, नीतियों को लागू करने से पहले चर्चा करने और उसे अंतिम रूप देने का काम भी इसी कमेटी के हाथ में है। यानी निगम की मुख्य डिसीजन-मेकिंग बॉडी यह कमेटी ही है।
स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं। इस कमेटी में एक चेयरपर्सन और डिप्टी चेयरपर्सन होता है। इन्हें स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों में से चुना जाता है। मेयर चुनाव के बाद 6 सदस्यों को MCD हाउस में सीधे चुना जाता है। दिल्ली में MCD 12 जोन में बंटी है। हर जोन में एक वार्ड कमेटी होती है जिसमें क्षेत्र के सभी पार्षद और नॉमिनेटेड एल्डरमैन शामिल होते हैं। स्टैंडिंग कमेटी में जोन प्रतिनिधि भी होते हैं। ऐसे में अगर यहां भी भाजपा हारती है तो उसके पास MCD में कुछ नहीं बचेगा।