17 मार्च से शुरू होने वाले दिल्ली बजट सत्र से पहले विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्तों में 66 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी कर दी गई है. दिल्ली सरकार के कानून विभाग की एक अधिसूचना के अनुसार, विधायकों को अब हर महीने 90 हजार रुपये मिलेंगे, जो पहले 54 हजार रुपये मिलते थे.

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अधिसूचना के अनुसार, मुख्यमंत्री और मंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, मुख्य सचेतक और नेता विपक्ष के वेतन और भत्ते को भी मौजूदा 72 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 70 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है. अधिसूचना के मुताबिक, विधायकों का मूल वेतन 12 हजार रुपये मासिक से बढ़ाकर 30 हजार रुपये और मंत्रियों का 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है. दैनिक भत्ता भी 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है.

जुलाई 2022 में, दिल्ली विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया. इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद विधि विभाग ने वेतन वृद्धि की अधिसूचना जारी की है. विधायक के लिए वेतन वृद्धि 14 फरवरी से प्रभावी होगी, जब राष्ट्रपति ने इस कदम पर अपनी सहमति दी थी.

जानकारी के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में विधायकों को मिलती है. यहां एक विधायक को प्रति महीने 2.5 लाख रुपये मिलती है. हालांकि इसमें विधायकों के लिए कई तरह के भत्ते भी जुड़े हुए हैं.

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिसंबर 2015 में विधायकों को सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था. इस प्रस्ताव में विधायकों की सैलरी 54 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपए प्रति महीने करने का प्रस्ताव था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया था. बीजेपी का कहना था कि इस प्रस्ताव को नियमों का उल्लंघन करके पास किया गया था.