पानीपत में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में मंगलवार को सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने सेम सेक्स मैरिज पर केंद्र सरकार के नजरिए का समर्थन किया है। होसबोले ने कहा कि शादी सिर्फ अपोजिट सेक्स वालों के बीच ही हो सकती है।

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12 मार्च को शुरू हुई सभा की 3 दिन की बैठक के आखिरी दिन मंगलवार को दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकारों से बातचीत की। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) RSS की सबसे बड़ी और अहम इकाई है जिसे संघ का थिंक टैंक भी कहा जाता है।

संघ से जुड़े सारे अहम फैसले और रणनीति इसी में बनती है। पानीपत में हुई सभा की इस बैठक में BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा तीनों दिन मौजूद रहे।

1. ज्यादा जिम्मेदारी के साथ बोलें राहुल : 

सरकार्यवाह होसबोले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लंदन में दी गई स्पीच पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ‘इस पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि राहुल गांधी का अपना पॉलिटिकल एजेंडा है। RSS की सच्चाई हर कोई जानता है। फिर भी देश की मुख्य विपक्षी पार्टी का बड़ा नेता होने के नाते राहुल गांधी को और ज्यादा जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।’

2. शादी संस्कार : 

सेम सैक्स में मैरिज से जुड़े सवाल पर होसबोले ने कहा, ‘भारतीय संस्कृति में शादी एक संस्कार है। यह कोई कॉन्ट्रैक्ट या दो इंडीविजुअल लोगों के एन्जॉयमेंट की चीज नहीं है।’

3. कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं :

होसबोले ने कहा, ‘इमरजेंसी के वक्त मैं भी जेल गया था। मेरे अलावा देश के अनेक लोग जेल में डाले गए थे। इंदिरा, राजीव, सोनिया के बाद अब राहुल गांधी भी संघ के बारे में विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। वे कह रहे हैं लोकतंत्र खतरे में है। अब चुनाव नजदीक है। लोकतंत्र खतरे में होता तो हम इकट्ठा नहीं हो पाते। कांग्रेस को लोकतंत्र के बारे में बोलने का कोई नैतिक आधार नहीं है। कांग्रेस ने आज तक इमरजेंसी के लिए भी देश से माफी नहीं मांगी।’

सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ​​​​​​ने कहा कि ​अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की इस 3 दिवसीय बैठक में चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। यहां तक कि संघ की बैठक में राजनीतिक विषय पर भी कोई डिस्कशन नहीं हुआ। बैठक में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के CM मनोहर लाल को बुलाए जाने पर संघ ने कहा कि यह परंपरा है।

वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले RSS की टॉप लीडरशिप की यह आखिरी बड़ी मीटिंग रही। इसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, पांचों सह सरकार्यवाह, RSS की अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, संघ के प्रतिनिधि, सभी विभाग प्रचारक और 34 अलग-अलग संगठनों के स्वयंसेवक शामिल हुए।