UP News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सहायक शिक्षकों ने आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. प्रदेश भर से बड़ी संख्या में लखनऊ पहुंचे शिक्षक बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए यहां भारी पुलिस बल मौजूद है और कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस हिरासत में ले चुकी है.
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बता दें कि कल (14 मार्च) ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने यूपी सरकार को झटका देते हुए सोमवार को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत राज्य में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी सूची की समीक्षा करके तीन महीने के अंदर उचित तरीके से आरक्षण तय करने के निर्देश दिए. अदालत ने यह भी कहा कि सरकार उन शिक्षकों के समायोजन के लिए एक नीति तैयार करे, जिन्हें एक जून, 2020 की चयन सूची की समीक्षा के परिणाम स्वरूप होने वाले संशोधन के बाद पद से हटाया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश: सहायक शिक्षकों ने आरक्षण की मांग को लेकर लखनऊ में प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। pic.twitter.com/vGBQw7p7o0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2023
इसके बाद से ही शिक्षकों में नौकरी जाने का डर सताने लगा है और वह आंदोलन पर उतर आए हैं. तो वहीं पीड़ित शिक्षकों ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से भी कल मुलाकात की थी. इसके बाद लखनऊ में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बुधवार को उसी दौरान प्रेस कान्फ्रेंस की जब शिक्षक बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर आंदोलन कर रहे थे. प्रेस कांफ्रेंस में बड़ी संख्या में पीड़ित शिक्षक भी मौजूद रहे. नरेश उत्तम ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया गया है. भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना राज्य सरकार ने की है. दलित और पिछड़े वर्ग के अचयनित छात्र परेशान हैं. इन लोगों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की है और अपनी समस्या बताई है. तो वहीं सपा अब प्रदेश सरकार से मांग करती है कि सरकार पात्र अभ्यर्थियों की नियुक्ति करे. इस मौके पर मौजूद पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि एक साल के आंदोलन के बाद सरकार ने एक कमेटी बनाई, जिसमें 6800 सीटों के घोटाले की बात सामने आयी. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी हुई. शिक्षक भर्ती में शिक्षक नियमावली की अवहेलना की गई है.