मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में बोरवेल में गिरे 7 साल के बच्चे को बचाया नहीं जा सका। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने करीब 24 घंटे के रेस्क्यू के बाद उसे बाहर निकाला। टीम बच्चे को लेकर लटेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और उसे आईसीयू में ले जाया गया, यहां डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है।

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मासूम बोरवेल में 43 फीट गहराई में फंसा था। बोरवेल 60 फीट गहरा है। इसके समानांतर सोमवार को दिन भर और मंगलवार रातभर गड्‌ढे की खुदाई की गई। आज सुबह 8 बजे तक 50 फीट गड्‌ढा खोदा गया, इसके बाद 5 फीट टनल बनाकर बच्चे को निकाला गया। खुदाई के बाद टनल के पास एम्बुलेंस खड़ी कर दी गई थी। चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ को टनल के अंदर बुला लिया गया था। बच्चे को निकालते ही 14 किलोमीटर दूर लटेरी शासकीय अस्पताल ले जाया गया है।

मौके पर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, लटेरी एसडीएम हर्षल चौधरी, एडिशनल एसपी समीर यादव मौजूद थे। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि लापरवाही के कारण बच्चे की जान आफत में फंस गई। एक हफ्ते में जिले के सारे बोरवेल के गड्ढे ढंक दिए जाए। ऐसा प्रशासन द्वारा प्रयास किए जाएंगे।

कलेक्टर भार्गव के मुताबिक घटना मंगलवार सुबह 11 बजे की है। लोकेश बंदरों के पीछे भाग रहा था। इसी दौरान वह खेत में खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। सूचना के बाद करीब साढ़े 11 बजे बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सबसे पहले बच्चे को ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई। सीसीटीवी की मदद से बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। बोर बिना केसिंग का है और करीब 60 फीट गहरा है।