अडानी समूह से जुड़े मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय तक मार्च निकाला गया. हालांकि पुलिस ने विजय चौक के पास धारा 144 का हवााल देकर रोक दिया. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जांच एजेंसी (ईडी) कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी.

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कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे हैं लेकिन सरकार हमको विजय चौक के पास भी नहीं जाने दे रही. जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास के साथ बैंक में रखते हैं वही पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकार की संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है.” उन्होंने कहा कि “मोदी जी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं. जिस व्यक्ति ने 1650 करोड़ रुपए से अपना करियर की शुरुआत की और अब उसके पास 13 लाख करोड़ की संपत्ति है तो हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो. प्रधानमंत्री और अडानी का क्या रिश्ता है?

अडानी मामले पर JPC जांच की मांग पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “सरकार जानती है कि अगर उन्होंने हमारी JPC की मांग को मान लिया तो जनता के सामने उनकी धज्जियां उड़ जाएगी. भाजपा के सभी भ्रष्टाचार आम लोगों के सामने साबित हो जाएंगे.”

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि “उनका (भाजपा) यही प्रयास है कि लोकतंत्र को खत्म करो और नियंत्रित लोकतंत्र, रूस और चीन जैसा आए.”

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विपक्षी दलों के मार्च को देखते हुए ईडी कार्यालय के बाहर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. इससे पहले विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडानी समूह से जुड़े मामले को लेकर बुधवार को संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय तक मार्च निकालने और जांच एजेंसी को एक शिकायत सौंपने का निर्णय लिया.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की.

अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए.