दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी ने जज एमके नागपाल की अदालत में पेश किया. इस दौरान ईडी की ओर से जोहेब हुसैन पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सिसोदिया बार बार बयान बदल रहे हैं. अब उन्हें तीन लोगों से आमने सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. इनमें दिल्ली के एक्साइज कमिश्नर और एक आईएएस अफसर शामिल हैं.
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वहीं, मनीष सिसोदिया की ओर से उनके वकील मोहित माथुर ईडी का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि फोन बदलने का मामला सीबीआई के रिमांड का हिस्सा था, अब उसी आधार पर दोबारा से रिमांड नहीं दिया जा सकता. एडवोकेट माथुर ने कहा कि एक एजेंसी पहले ही ईमेल डंप लेकर पिछले साल अक्टूबर में ही पूछताछ कर चुकी है. इतने दिन बाद फिर दोबारा वही सवाल समझ के परे है. सिसोदिया ने अपने वकील के जरिए कहा कि उनकी जरूरत यदि 18 और 19 मार्च को नहीं है तो उन्हें जेल भेज दिया जाए. हालांकि कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया है.
हुसैन ने कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया से मोबाइल फोन बदलने के संबंध में कई सवाल पूछा गया. लेकिन उन्होंने एक बार भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. न ही उन्होंने बताया कि इन मोबाइल फोन को कहां डिस्पोज किया गया है. हुसैन ने कोर्ट को बताया के उनके मोबाइल और ईमेल डेटा से काफी कुछ जानकारियां मिली है. इन जानकारियों का सत्यापन किया जाना बाकी है.
आज यह रिमांड की अवधि पूरी हुई है. ऐसे में ईडी सिसोदिया को कोर्ट में पेश करने पहुंची है. मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी बीजेपी पर लगातार हमलावर है. खुद आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री पर इस मुद्दे को लेकर बड़ा हमला बोला था. ऐलान किया था कि इस मुद्दे को लेकर उनकी पार्टी घर घर और गांव जाएगी. इसके लिए देश व्यापी अभियान चलाया जाएगा.
सिसोदिया को गिरफ्तार करने से पहले ईडी ने तिहाड़ जेल में करीब आठ घंटे तक पूछताछ की. ईडी के अधिकारी उनसे मनी ट्रेल के मामले में पूछताछ कर रहे थे. बाद में आरोप लगाया कि सिसोदिया ने पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी का सहयोग नहीं किया. इसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा था.
मनीष सिसोदिया को दिल्ली के शराब नीति घोटाले में पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद सीबीआई ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था. उसके बाद ईडी ने इसी मामले में मनी ट्रेल की जांच करते हुए नौ मार्च को गिरफ्तार किया. वहीं अगले दिन कोर्ट में पेश कर सिसोदिया के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए सात दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था.