Kolkata News: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में इससे पहले ईडी ने जांच के दौरान नकदी नोट का पहाड़ बरामद किया था. पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की ‘करीबी’ अर्पिता मुखोपाध्याय के घर से बरामद नोट की तस्वीर देखकर कई लोग चौंक गए थे. हालांकि इस बार केंद्रीय जांच एजेंसी ने भर्ती भ्रष्टाचार की अलग ही तस्वीर पेश की है. ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के गिरफ्तार नेता शांतनु बनर्जी के करीबी कारोबारी आयन शील के घर से बरामद किये गये ओएमआर शीट का पुलिंदा पेश किया गया है. ईडी की ओर से जारी तस्वीर में आप उत्तर पुस्तिका या ओएमआर शीट को एक कतार में व्यवस्थित देख सकते हैं.

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ईडी सूत्रों के मुताबिक, हर ओएमआर शीट असली है. उनमें से अधिकांश नगरपालिका में विभिन्न पदों के लिए परीक्षा हैं. ये ओएमआर शीट चपरासी पद लिपिक या मजदूर की नौकरी पाने के लिए दी गई परीक्षा के लिए हगै. प्रत्येक पर परीक्षार्थी के हस्ताक्षर हैं. हालांकि, ईडी के अधिकारी फिलहाल इस बात की जांच कर रहे हैं कि वो उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा हॉल से हुगली प्रमोटर एओन के घर कैसे आईं. ईडी ने पहले दावा किया था कि अयान शीट के घर की तलाशी ने ईडी के सामने भर्ती भ्रष्टाचार के एक और पहलू को उजागर किया है. उन्हें सोने की खान हाथ लगी है.

ईडी के वकील ने सोमवार को शहर की सत्र अदालत में अयान की हिरासत की मांग करते हुए तर्क दिया कि इतने लंबे समय से वे सोच रहे थे कि केवल स्कूल भर्ती में ही भ्रष्टाचार हुआ है. लेकिन अब देखने में आ रहा है कि नगर पालिका की नियुक्ति में भी इसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, यह साफ है कि अयान के घर की तलाशी लेने के बाद जो दस्तावेज उनके हाथ लगे, उससे पैसे के बदले अयान नगर निगम की विभिन्न नौकरियों को ‘बेच’ देता था. चपरासी, क्लर्क, मजदूर सभी पदों के लिए अलग-अलग ‘दरें’ थीं. हालांकि, कम से कम 4 लाख रुपए देने पड़ते थे. उच्चतम कीमत कभी-कभी 8 लाख रुपये तक थी. ईडी सूत्रों के मुताबिक, अयान ने करीब 60 नगर पालिकाओं की नियुक्ति को नियंत्रित किया था. काम तभी होता जब परीक्षार्थी उसे पैसे देते थे. किसी तरह ओएमआर शीट बदली होगी. ईडी इसकी जांच कर रही है कि कैसे ओएमआर शीट बदली गयी. अब सीबीआई भी इस मामले की जांच करेगी.