प्रयागराज: सजा सुनाए जाने पर माफिया अतीक अहमद बुरी तरह टूट गया था। इतने दिनों की सल्तनत पल भर में दरकते देख अतीक कोर्ट रूम में बेहद परेशान नजर आया और उसकी रुलाई फूट पड़ी, वहां मौजूद अशरफ की भी हालत कुछ ऐसी ही थी, लेकिन उसने इशारों में ही भाई को भरोसा दिया कि चिंता ना करो, अभी मैं हूं. मैं सब संभाल लूंगा. दोनों भाइयों के बीच हो रही आंखों आंखों के इस संवाद को कोर्ट रूम में मौजूद लोगों ने भी देखा.

अतीक और अशरफ मंगलवार को प्रयागराज की कोर्ट में पेश हुए थे. इनकी पेशी राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण वाले मामले में हुई थी. इसके लिए अतीक को साबरमती जेल से लाया गया था तो अशरफ बरेली जेल से आया था. साल 2007 में हुई इस वारदात में कोर्ट ने अतीक समेत तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. इनमें अतीक का वकील सौलत हनीफ और सागिर्द दिनेश पासी भी शामिल हैं.

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इस मामले में अशरफ को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इस मुकदमे में जैसे ही अदालत ने अतीक को दोषी ठहराते हुए सजा का ऐलान किया, अतीक की सारी हेकड़ी निकल गई. वह कोर्ट रूम में फूट फूटकर रोने लगा. उसे इस प्रकार टूटते देख अशरफ ने उसे ढांढस बंधाने का प्रयास किया. उसने भाई को इशारों में ही भरोसा दिया कि वह सल्तनत को ढहने नहीं देगा. इसके लिए वह कुछ भी करेगा.

वहीं अदालत से बाहर निकलते वक्त एक मिनट के लिए अशरफ की मुलाकात सौलत हनीफ और दिनेश पासी से भी हो गई. इन दोनों ने कह भी दिया कि उनकी वफादारी की सजा उन्हें मिल गई है. पूरा घर तबाह तबाह हो गया. ऐसे में अशरफ ने उन्हें भी भरोसा दिया कि उनके घर का पूरा खर्च अब वह खुद उठाएगा.

कभी अतीक की नजरें झुकती नहीं थीं, लेकिन मंगलवार को फैसले के बाद ऐसी स्थिति थी कि कोर्ट के अंदर और बाहर वह नजरें चुराते नजर आया. वहीं उसका छोटा भाई अशरफ सभी को तसल्ली दे रहा था. वह जिसके पास भी जाकर खड़ा होता था, उसे बस यही कहता कि वक्त का पहिया है एक दिन फिर घूमेगा.