प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस तरह के दावे किए जाने के बाद कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्हें फंसाने के लिए तत्कालीन सरकार की ओर से हरसंभव कोशिश की गई थी, अब इस बात को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दावा किया कि यूपीए सरकार के दौर में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के जरिए उन पर नरेंद्र मोदी को एक फर्जी मुठभेड़ में फंसाने को लेकर खासा दबाव बनाया गया था.
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गृह मंत्री अमित शाह ने कल बुधवार को एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली यूपीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए सरकार के शासनकाल के दौरान सीबीआई ने गुजरात में एक फर्जी मुठभेड़ मामले (Fake Encounter Case) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए उन पर बहुत दबाव डाला था.
उन्होंने कहा, “मुझे एक फेक एनकाउंटर केस का आरोपी बनाया गया था. वे मुझसे मोदी का नाम लेने का दबाव डालते थे और कहते थे कि ऐसा करने पर वह दोषमुक्त हो जाएंगे. जांच एजेंसियां की ओर से पूछे गए 90 फीसदी से ज्यादा सवाल मोदी का नाम लेने के लिए पूछे जाते थे. लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया और फिर मुझे जेल भेज दिया गया.”
विपक्ष की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल उनके खिलाफ किए जाने के आरोप से जुड़े एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि यूपीए कार्यकाल में भी इसका इस्तेमाल किया गया था. गृह मंत्री शाह ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में फर्जी एनकाउंटर मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए मुझ पर लगातार दबाव बना रही थी. विपक्ष पर फिर से निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की ओर से कभी भी किसी तरह का कोई हंगामा नहीं किया गया. बीजेपी ने कभी भी इस तरह का मुद्दा नहीं बनाया. हमने कभी भी प्रदर्शन के लिए काला कुर्ता, धोती और पगड़ी नहीं पहनी.
उन्होंने कहा कि तब सोनिया गांधी कांग्रेस की अगुवाई कर रही थीं और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हुआ करते थे. उनके दौर में कई निर्दोष पुलिस अधिकारियों तक को फंसाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई की एक कोर्ट की ओर से मुझे दोषमुक्त करार दिया. उसने अपने फैसले में कहा कि राजनीतिक वजहों से झूठे मामले बनाए गए, लेकिन हमने कभी विरोध-प्रदर्शन का सहारा नहीं लिया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों सूरत कोर्ट की ओर से 2 साल की सजा देने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर कहा कि वह अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं जिन्हें कोर्ट की ओर से दोषी ठहराया गया और फिर लोकसभा की सदस्यता खोनी पड़ गई.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में जाने की नसीहत देते हुए अमित शाह ने कहा कि हाई कोर्ट में जाने के बजाय राहुल गांधी और उनकी पार्टी लगातार हो-हल्ला करने की कोशिश कर रहे हैं और इन सब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल को पीएम मोदी पर आरोप लगाने की कोशिश करने की जगह दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाना चाहिए.