ब्रह्मांड में हुए नए शोध खुलासों ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। खगोलविदों ने इस ब्रह्मांड में चार ऐसी आकाशगंगाओं की खोज की है, जिन्हें सबसे पुरानी आकाशगंगा कहा जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (जेवीएसटी) के जरिए इन आकाशगंगाओं के बारे में कुछ चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं।

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वैज्ञानिकों के मुताबिक ये आकाशगंगाएं बहुत तेजी से तारे भी बना रही हैं। ये अपने आप में एक बहुत ही खास बात है. लाइफ साइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये आकाशगंगाएं पृथ्वी से 13 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित हैं। वैज्ञानिकों के एक दल द्वारा किया गया यह नया अध्ययन 4 अप्रैल को नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुआ था, तभी से यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

येल यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर पीटर वैन डोक्कम ने इस लेख के बारे में कहा है कि यह शोध साबित कर रहा है कि इन आकाशगंगाओं और बिग बैंग के बीच ब्रह्मांड के अनछुए पहलुओं का रहस्य है. धीरे-धीरे खुल रहा है। अंतरिक्ष की दुनिया में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए यह बेहद अहम है। यह आगे के शोध का मार्ग प्रशस्त करेगा।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक वैन डोक्कुम ने भी लिखा है कि वास्तव में इन आकाशगंगाओं का तेजी से विकास अंतरिक्ष की दुनिया में नई गति को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि ब्रह्मांड में सब कुछ स्थिर नहीं है। वहां सभी घटक सक्रिय हैं और संपूर्ण ब्रह्मांड को प्रभावित करने में सक्षम हैं।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप क्या है
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप एक वेधशाला है जो पृथ्वी से लगभग 1 मिलियन मील की दूरी पर सूर्य की परिक्रमा करती है। यह नासा का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष विज्ञान टेलीस्कोप है। इसका लक्ष्य उन आकाशगंगाओं का पता लगाना है जो ब्रह्मांड की शुरुआत में बनी थीं। ताकि तारों को ग्रह मंडल बनाते हुए देखा जा सके।

इसे दिसंबर 2021 के महीने में लॉन्च किया गया था। खगोलविदों को उम्मीद थी कि यह चलती हुई आकाशगंगाओं को खोज लेगा, लेकिन नतीजे आने में देरी हुई। हालांकि अब उन्होंने जो रिजल्ट भेजा है उससे उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में कुछ और रहस्य से पर्दा उठ सकता है।