इंदौर के बेलेश्वर महादेव ज़ुलेलाल मंदिर की बावड़ी में 36 मौतें हुईं, जिसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण को अपना लिया था। इसके विरोध में शुक्रवार को रेजिडेंट्स सड़क पर उतर आए। मंदिर के आसपास के लोग जयश्री राम के नारे लगाते हुए कलेक्टर पहुंचे। अगले दिन बाजार भी बंद रहा। उद्र, शिवराज सिंह चौहान ने भी वहां नए मंदिर बनाने की बात का समर्थन किया। बता दें, गुरुवार (30 मार्च) को रामनवमी के दिन बावड़ी की छत गिरने से 60 लोग पानी में गिर गए थे।

भोपाल के सीएम शिवराज ने कहा, इंदौर में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हमने उस बावड़ी को भर दिया, लेकिन वह मंदिर बहुत पुराना था। छोटा था पर पुराना था, कई सालों से वहां भक्त पूजा कर रहे थे। मंदिर में दूसरे स्थान पर पूरे विधि-विधान और पूजा-पाठ के साथ मूर्ति स्थापित की गई। लेकिन मुझे यह उचित लगता है कि मंदिर को एक बार फिर पूरी सुरक्षा के साथ… सद्भाव और सद्भाव के साथ फिर से स्थापित किया जाना चाहिए ताकि निवेशकर्ता एक बार फिर वहां पूजा कर सकें।

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इससे पहले ठेकेदार निवासी प्राप्तकर्ता को निर्देशित करने की मांग पर अड़े रहे। तब कलेक्टर इलैया राजा टी ने सभी को परिसर में बुलाया। कलेक्टर ने हर संभव मदद का नुकसान पहुंचाते हुए मीडिया से कहा कि हम सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते हैं। रहवासियों की मांग को लेकर नियमानुसार जो भी कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी।

क्षेत्रवासियों ने कलेक्टर से मंदिर का पुनः निर्माण की मांग की। उन्होंने बचाव अभियान में देरी का भी दावा किया। कहा- बचाव में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करें। अजनबियों को जल्द से जल्द तीसरे स्थान पर जायें। रहवासियों ने कहा कि बावड़ी बंद करना ठीक है, लेकिन मंदिर तोड़ना विवरण है। इससे संबंधित क्षेत्र के लोग और रिश्तेदार जुड़े हुए हैं। सात दिन इंतजार नहीं करेंगे तो खुद मंदिर बना लें।

मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए दो दिन पहले कमेटी का गठन किया गया था। समिति की घोषणा बुधवार को की गई। घोषणा के साथ ही पहला व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया। देखते ही देखते इस ग्रुप में 700 से ज्यादा लोग जुड़ गए। समिति का नेतृत्व कर रहे ललित परानी का कहना है कि इस मंदिर से कई लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। लोग अपने व्यापार-नौकरी पर जाने से पहले यहां भगवान का आशीर्वाद लें। गुरुवार को इंदौर आए गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भी मामले की जानकारी दी गई है।

ललित परानी ने कहा कि संघर्ष समिति के सभी सदस्यों में न तो कोई अध्यक्ष है और न ही कोई सचिव। सबका एक ही मकसद है कि मंदिर का पुनर्निर्माण हो। खास बात यह है कि इस कमेटी में किसी नेता की जोड़ी नहीं बनाई गई है।

ललित परानी ने बताया कि बेलेश्वर महादेव ज़ुलेलाल मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसका काम 2022 में शुरू हुआ था। नया मंदिर लगभग बनकर तैयार हो गया था। चोटी तक का काम पूरा हो गया था। सिर्फ मार्बल और फ्लोर का काम होना था। यह पूरा काम जन सहयोग से हो रहा था। श्री बेलेश्वर महादेव वझेलाल ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी की दुर्घटना के कारण पिछले कुछ महीनों से काम धीमा पड़ गया था। हमारी तैयारी थी कि श्रावण मास से पहले मंदिर का काम पूरा हो जाए। नए मंदिर के लिए राजस्थान और गुजरात से भी मूर्तियां यहां आने वाली थीं। इसमें भगवान भोलेनाथ, जुलेलाल, गणेश जी, हनुमान जी, रामदरबार, अंबे मां की मूर्तियां जानी जाती थीं। अब पूरे मंदिर का निर्माण नए दृश्यों से शुरू किया जाएगा।

प्रशासन ने बेलेश्वर महादेव मंदिर से सूची हटा दी थी।

मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम ने 3 अप्रैल को बेलेश्वर मंदिर के अवैध रूप से बनाए गए हिस्से को झाड़ दिया। शॉट हटाने के लिए नगर निगम अमला सुबह छह बजे से ही अमला मंदिर पर पहुंच गया। मंदिर से हटाए जाने के विरोध में बजरंग दल और हिंदूवादी संगठनों ने जमकर मांग की।