Covid 19 in India: दावा- क्वान इंडिया में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है. पिछले 24 घंटे में वायरस के 12 हजार से कम मामले आए, जो एक दिन पहले के मुकाबले करीब 7 फीसदी कम है. लेकिन इस बीच कोरोना आर्कटुरस का नया संकेत दुनियाभर में चिंता बढ़ा रहा है। इस तनाव से पहली मौत दर्ज की गई है। थाईलैंड में एक सब्सक्राइबर ने डील पर समझौता करने के बाद खुद को मार डाला। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में आर्कटुरस सेप्टीसीमिया के 26 मामले सामने आए हैं। सबसे पहले किसकी मौत हुई है। दुनिया में इस मान्यता से मौत का यह पहला मामला है।

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आर्कटुरस ओमिक्रॉन के लिए एक भ्रम है। पिछले महीने ही WHO ने कॉन्सेप्ट्स को अपनी मॉनिटरिंग लिस्ट में डाला था। पूरी दुनिया में इस धारणा के मामले हैं। अब तक करीब 23 देशों में इसके केस रिपोर्ट आ चुके हैं। हालांकि इससे मौत के मामले सामने नहीं आ रहे हैं। पिछले लगभग शिपमेंट महीने में यह पहली मौत है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में आर्कटुरस तेजी से फैल रहा है।

स्टर्न सीक्वेंसिंग द्वारा इस तनाव का पता लगाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस पर लगातार नजर बनाए हुए है। जहां भी इस आशंका के मामले आ रहे हैं, वहां अतिक्रमण के लक्षणों की जांच की जा रही है। अधिकारों को यूएस, यूके और सिंगापुर तक भी बढ़ाया गया है। टोक्यो विश्वविद्यालय की जांच में पाया गया कि आर्कटुरस पिछली दरारों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक खतरनाक है। हालांकि मृत्यु दर में ऐसा नहीं कर रहा है।

भारत में भी आर्कटुरस के मामले आ रहे हैं। हालांकि, देश में इससे कोई मौत नहीं हुई है। COVID-19 से मरने वाले लोगों में से कोई भी मृत्यु का प्राथमिक कारण नहीं है। इस स्टीकर से मामलों में कुछ वृद्धि होनी चाहिए, लेकिन पिछले 25 दिनों में नए मामलों की पात्र संख्या 12 हजार से कम है, जो पिछले तीन तरंगों की तुलना में काफी कम है।

एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. अंशुमन कुमार का कहना है कि वायरस में म्यूटेशन होता है, जिससे नए कयास लगते हैं। आगे भी यही क्रम जारी रहेगा, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। सभी नए ओमिक्रॉन स्ट्रेन होने की अफवाह है और कुछ में फ्लू जैसे लक्षण हैं। यह उन लोगों के साथ हो रहा है जिन्हें कॉमरेडिटी है।