नीरज नामदेव की SDOP सिंगरौली (मोरवा) पदस्थापना के दौरान पुलिस थाना बरगवां ज़िला सिंगरौली में अनुसूचित जनजाति (बैगा) समुदाय के फ़रयादी श्री रामकुमार बैगा ने दिनांक 11.03.2020 को मौखिक रिपोर्ट की थी कि अभियुक्तों क्रमशः 1. अरविन्द कुमार यादव 2. साहबलाल यादव 3. बृजेन्द्र यादव 4. राम प्रसाद यादव 5. लालताप्रसाद यादव 6.सुरेश यादव तथा 7. रामबरन यादव द्वारा एकराय होकर उसके पिता को दिनांक 10.03.2020 को होली के दिन गाय चराने की बात को लेकर कुल्हाड़ी तथा लाठी डंडे से मारकर चोट पहुंचाई है जिसके बाद पिता को बैढ़न अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अस्पताल में ही पिता रामप्यारे बैगा की मृत्यु हो गयी है जिस पर थाना बरगवां में सातों अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क्रमांक 93/20 धारा-302,323,34 भादावि तथा 3(2) अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया तथा दिनांक 05.06.2020 को माननीय विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।तथा मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रकरण को सनसनीखेज एवं चिन्हित श्रेणी में रखा गया था।

प्रकरण में 19 अभियोजन साक्षी,5  प्रतिरक्षा साक्षी, 44 अभियोजन प्रदर्श,8 प्रतिरक्षा प्रदर्श,7 भौतिक सामग्रियों के कूट परीक्षण, फरियादी तथा साक्षियों के बयान,ज़ब्ती,एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर सभी 07 अभियुक्तों को दिनांक 11.08.2023 को माननीय विशेष न्यायाधीश,अनुसूचित जाति एवं जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम श्री सुशील कुमार द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई।उक्त प्रकरण में शासन की ओर से श्री शेख वसीम विशेष लोक अभियोजक सिंगरौली ने शासन का पक्ष रखा। इस दौरान थाना बरगवां के उनि श्री सुधाकर परिहार श्री नामदेव की विवेचना में सहायक के रूप में कार्यरत थे।

प्रकरण की विशेष बात यह थी की पीड़ित व्यक्ति बैगा जनजाति से सम्बन्धित थे जो कि मध्यप्रदेश की अत्यंत पिछड़ी तथा विलुप्त होने वाली जनजाति में शुमार है ऐसे में अतिसंवेदनशील होकर विवेचना करने की आवश्यकता थी तदोपरांत कुछ साक्षियों द्वारा न्यायालय में पक्ष विद्रोही कथन दिए गए थे इसके बाद भी विवेचक DSP नीरज नामदेव द्वारा अपने अखंडित साक्ष्य तथा उत्कृष्ट विवेचना से विवेचना को न्याय हेतु प्रमाणित किया जिसके आधार पर सभी सातों आरोपियों को आजावीन कारावास की सजा सुनाई गयी।

DSP नीरज नामदेव वर्तमान में अलिराजपुर जिले की जोबट तहसील में SDOP के रूप में पदस्थ हैं जो अपनी विशेष कार्यशैली तथा तेज-तर्रार छवि के लिए जाने जाते है। श्री नामदेव सदैव कमजोर वर्ग,अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करते हैं जिससे विभाग में इनकी छवि उत्कृष्ट अधिकारी के रूप में जानी जाती है,पूर्व में भी इनके द्वारा गंभीर अपराधों में आरोपियों को सजा दिलाकर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया गया है।