Gas Subsidy Politics: राजस्थान में विधान सभा चुनाव से पहले इस बार ‘सस्ती’ मिलने वाली गैस मुद्दे में है. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने जहां 10 बड़ी गारंटी में 500 रूपये में गैस देने की योजना बनाई है. वहीं इसे लेकर कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में जा रही है और केंद्र सरकार को लगातार महंगाई पर घेर रही है. लेकिन जहां कल केंद्र सरकार ने घरेलू गैस के 200 रूपये कम दिए हैं अब इसपर राजनीति शुरू हो गई है. अब दोनों दलों के नेता इसे भुनाने में लगे हैं. भाजपा इसे बड़ा हिट मान रही है तो कांग्रेस भी गहलोत सरकार की योजनाओं को इससे मजबूत माना है. इसपर सियासत शुरू हो गई है.

भाजपा इसे मजबूत हिट क्यों मान रही है ?

राजस्थान में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां का कहना है कि गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है, सभी एलपीजी उपभोक्ताओं ( कुल 33 करोड़ ) के लिए एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कमी की गई. यानी अब एक सिलेंडर 1100 की जगह 900 रुपये का मिलेगा. पीएम उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों को मार्च 2023 में प्रदान की गई 200 रुपये की सब्सिडी के अलावा यह 200 रुपये की राहत मिलेगी. इस प्रकार, लगभग 10 करोड़ उज्ज्वला लाभार्थियों को 700 रुपये में सिलेंडर मिलेगा. भाजपा प्रवक्ता हिमांशु शर्मा का कहना है कि पीएम ने रक्षाबंधन के अवसर पर बड़ी राहत दी है. वहीँ भाजपा नेता भवानी सिंह रुंडल का कहना कि चुनाव से पहले बड़ी राहत है. यहां पर इसका दिखेगा.

ऊंट के मुंह में जीरा

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी का कहना है कि 200 रुपए कम करना कोई राहत नहीं है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार पहले से ही 500 रूपये में गैस सिलिंडर दे रही है. राजस्थान सरकार का ही दबाव है कि केंद्र सरकार यह निर्णय ले पाई है. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यवीर अलोरिया का कहना है कि राजस्थान की सरकार ने बड़ी राहत दी थी उसी का नतीजा है कि आज यह सब हो रहा है. 200 रुपए कम करने के बावजूद आज भी सिलेंडर का दाम ₹900 से ज्यादा है, जो कि 2014 में यूपीए सरकार के दौरान की कीमतों से लगभग दो गुना है.