मुसलमानों पर दिए गए विवादित बयान को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को पुलिस जांच में शामिल होने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच ने ये आदेश दिया है. इस साल की शुरुआत में उन्होंने इस्लाम धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि इस्लाम धर्म में नमाज पढ़ने के बाद कुछ भी करो सब जायज है.
बाबा रामदेव ने राजस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘अब कोई मुसलमान से पूछो तुम्हारा धर्म क्या है? तो वे कहेंगे नमाज पढ़ो, हिंदू लड़की को उठाकर लाओ…जो भी पाप करने हैं करो, वो इस्लाम को अपनी जन्नत समझते हैं. लेकिन वो नमाज जरूर पढ़ेंगे, क्योंकि उन्हें यही सिखाया जाता है. बस नमाज पढ़ो फिर जो करना है करो. आतंकवादी बनना है बनो, हाकी जितने भी अपराध करना है करो.’
‘ऐसी जन्नत तो जहन्नुम से भी बेकार है’
उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों की नजरों में स्वर्ग का मतलब टखनी के ऊपर पजाना पहनना, मूंछ कटवाना, टोपी पहनना…ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं, ऐसा कुरान या इस्लाम कहता है. ऐसा ये लोग करते हैं. बस ऐसा करने से स्वर्ग में आपकी जगह पक्की हो गई. लेकिन ऐसी जन्नत तो जहन्नुम से भी बेकार है. लेकिन फिर भी लोग मूंछे कटवा रहे हैं, सिर पर टोपी रख रहे हैं.
16 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि 16 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी. तब उनकी गिरफ्तारी पर रोक रहेगी. बाड़मेर के पठाई खान ने 2 फरवरी को बाबा रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. इसमें रामदेव पर इस्लाम पर अपमान करने का आरोप लगाया था. साथ ही ये भी कहा था कि उन्होंने इस्लाम को हिंदू धर्म से तुलना की और उसका अपमान भी किया.