मध्यप्रदेश में बीते तीन सालों से नर्सिंग की परीक्षा नही हुई है। लिहाजा आज नर्सिंग के सैकड़ों छात्रों का सरकार के प्रति आक्रोश भी देखा गया। जबलपुर शहर के सिविक सेंटर से नर्सिंग छात्रों की एक विशाल रैली कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंची जिन्हें की पुलिस ने घंटाघर में रोक लिया। इस दौरान छात्रों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए। नर्सिंग छात्रों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी परीक्षा नहीं होती है, और सरकार प्रमोशन नहीं देती है तो आने वाले समय में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। मध्य प्रदेश के तमाम नर्सिंग छात्र आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेगी। जबलपुर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने नारा दिया है की परीक्षा नहीं तो वोट नहीं।

नर्सिंग छात्र संगठन के सदस्य ने बताया कि सत्र 2020-21 के समस्त बीएससी, एमएससी,पोस्ट बेसिक, नर्सिंग स्टूडेंट कि विगत 3 सालों से प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई है। नर्सिंग छात्रों ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा मापदंड पूरे नहीं करने वाले नर्सिंग कॉलेज को मान्यता प्रदान कर दी गई। कॉलेज में स्टूडेंट के एडमिशन ले लिए गए। बाद में आखिरकार यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट की फटकार के बाद सरकार के द्वारा आनन- फानन में एक्शन तो लिया गया लेकिन ना ही परीक्षाएं अभी तक शुरू नहीं की गई, और ना ही भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजा गया।

छात्रों ने बताया कि परीक्षा नहीं होने की वजह से स्टूडेंट और उनके परिवार वाले ना सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।2021-22 सत्र के नर्सिंग स्टूडेंट के इनरोलमेंट तक नहीं हुए हैं। संगठन द्वारा मांग की गई है कि स्टूडेंट की समस्या का जल्द ही निराकरण कराया जाए, और उन्हें स्कॉलरशिप प्रदान की जाए। नर्सिंग संगठन ने मांग की है कि जिन कालेज़ों की मान्यता खत्म हो गई है, वहां पढ़ने वाले छात्रों को मान्यता प्राप्त कॉलेज में ट्रांसफर किया जाए और जीएनएम स्टूडेंट के रिजल्ट घोषित किए जाएं।