दिल्ली-एनसीआर की सबसे बड़ी टनल बनकर तैयार है. इस टनल के बनने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास और दूसरे इलाके में आप आसानी से ट्रैवल कर सकेंगे. इस सड़क को फिलहाल अर्बन एक्सटेंशन रोड का नाम दिया गया है. द्वारका और दिल्ली एयरपोर्ट के पास लगभग 3.8 किलोमीटर की यह टनल लगभग तैयार है. एनएचएआई के सूत्रों की मानें तो इस साल दिसंबर तक पूरी तरह यह टनल बनकर तैयार हो जाएगी.

जब इस टनल का जब मुआयना किया तो पता चला कि देश में सबसे उच्चतम तकनीक से यह टनल बनाया गया है. दावा यह किया जा रहा है कि इसे टॉप डाउन तकनीक से बनाया गया है, जो अभी तक की सबसे लेटेस्ट तकनीक है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये टॉप डाउन तकनीक क्या है?

क्या है यह तकनीक?

टॉप डाउन तकनीक में जमीन के अंदर से पहले मिट्टी नहीं निकाली जाती है. सबसे पहले साइड से दीवार को प्लेस किया जाता है. इसके बाद सड़क के बीच पिलर डाला जाता है. इन सबके बीच पिलर और दीवार के बीच स्लैब रखा जाता है. उसके बाद नीचे से मिट्टी निकाली जाती है. इस तकनीक के इस्तेमाल से उपर चल रहे ट्रैफिक पर कम से कम असर पड़ता है. एयरपोर्ट के पास ही ब्रिजवासन रेलवे स्टेशन है जहां से दक्षिण भारत के कई शहरो के लिए ट्रेन गुजरती है. ऐसे में बिना रेलवे ट्रैफिक को रोके यह टनल बनाया गया है.

ऐसे बदलेगी इलाके की तस्वीर

यदि आप एयरपोर्ट इलाके से दिल्ली के अलीपुर बार्डर तक जाना चाहें तो वहा तक की दूरी फिलहाल 40 किलोमीटर की है. हरियाणा से सोनीपत से सटे अलीपुर और एयरपोर्ट के बीच की इस दूरी को तय करने में अमूमन 1 से 1.5 घंटे तक का समय लग जाता है. नया एक्सप्रेस वे के बनने के बाद इसी दूरी को पूरा करने में महज 20 से 30 मिनट का समय लगेगा. इल लिहाज से यदि देखें तो सोनीपत में रहने वाले लोग महज 30 मिनट में एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं.