सुप्रीम कोर्ट ने ‘सनातन धर्म’ पर टिप्पणी के मामले में तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को नोटिस जारी किया है। याचिका में उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को समाप्त करने संबंधी बयान के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सांसद ए. राजा, सांसद थिरुमावलवन, सांसद सु वेंकटेशन, तमिलनाडु के डीजीपी, ग्रेटर चेन्नई पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह मंत्रालय, हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री पीके शेखर बाबू, तमिलनाडु राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पीटर अल्फोंस और अन्य को भी नोटिस जारी किया है।
बता दें कि सनातन धर्म पर टिप्पणी के विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। इसमें तमिलनाडु और केरल के पुलिस महानिदेशकों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है।
उदयनिधि ने ऐसा क्या कहा जिससे पूरा विवाद खड़ा हुआ?
तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने पिछले दिनों बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। दरअसल, तमिलनाडु में ‘संतानम उन्मूलन सम्मेलन’ आयोजित किया गया था, जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इस सम्मेलन से जुड़ी एक क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें उनको यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन (समाप्त) करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना, ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है और सनातन धर्म भी ऐसा ही है। सनातनम को खत्म करना और उसका विरोध न करना हमारा पहला काम होना चाहिए।’
प्रियांक खरगे ने क्या दिया बयान?
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए प्रियांक खरगे ने कहा कि कोई भी धर्म, जो असमानता को बढ़ावा देता है और इंसान होने की गरिमा का हनन करता है तो वह धर्म नहीं है। खरगे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता या इंसानों से इंसानों की तरह व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी जैसा है।
एक और डीएमके नेता की विवादित टिप्पणी
उदयनिधि के बाद अब डीएमके के एक और नेता ने सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के उप महासचिव और लोकसभा सांसद ए. राजा ने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग और एचआईवी जैसी बीमारियों से कर दी थी।