उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बार फिर धार्मिक जुलूस के रूट को लेकर दो संप्रदायों में टकराव की नौबत आ गई है. समय रहते मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत तो करा दिया, लेकिन अभी भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. इस बार भी यह तनाव की स्थिति बारादरी थाना क्षेत्र में ही बनी है. यहीं पर सावन महीने में कांवड़ यात्रा के रूट को लेकर विवाद हुआ था. उस विवाद के दौरान पुलिस को लाठी तक चलानी पड़ी थी.

जानकारी के मुताबिक बुधवार को बरेली में ईद मिलादु नबी के मौके पर अंजुमन निकल रहा था. इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात थे. पुराने शहर के मीरा की पैठ सैलानी में अंजुमन पहुंचने पर दूसरे पक्ष के लोगों ने रास्ता रोक दिया. आरोप लगाया कि इस रूट से अंजुमन निकालने की परंपरा नहीं है. जबकि जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल लोग हर हाल में इसी रूट पर आगे बढ़ने की जिद पर अड़े थे. इसके चलते मामला गहराने लगा.

इतने में सूचना मिलने पर बारादरी कोतलवा हिमांशु निगम और सीओ रुपेंद्र गौड़ दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाबुझा कर शांत कराया. स्थानीय लोगों के मुताबिक थाना बारादरी क्षेत्र में घेर जाफर खां से अंजुमन शुरू होती है. यहां से 250 से 300 बच्चों के साथ अंजुमन निकल कर कांकर टोला, जगतपुर, शाहदाना, श्यामगंज पहुंचती है. इसके बाद इसी रूट से इसकी वापसी होती है. इस बार अंजुमन जैसे ही रवि की आटा चक्की के पास पहुंची, लोगों ने इसका रास्ता रोक दिया.

उनका कहना था कि अंजुमन यहां से कभी नहीं निकली. इस बार भी परंपरा से अलग कुछ नहीं होगा. इस बात को लेकर दोनों पक्षों में टकराव की नौबत आ गई. दरअसल बारावफात के दिन ही पैगंबर मोहम्मद साहेब का जन्म हुआ था और इसी दिन उनका इंतकाल भी हुआ. इस मौके पर जुलूस ए मोहम्मदी निकलता है. इसको लेकर शहर और आसपास के गांव से भी अंजुमन आती हैं. बरेली के एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि 27 सितंबर 2023 को बारावफात के मौके पर पुराने शहर से परंपरागत जुलूस निकलता है. अपने निश्चित रुट से जगत पुर पुलिस चौकी तरफ से यह जुलूस मीरा की पेठ होता हुआ निकल रहा है. इस दौरान एक पक्ष को लेकर कुछ आपत्ति थी, इससे जुलूस कुछ देर के लिए रूक गया था. हालांकि अब मामला शार्टआउट कर लिया गया है.