भगवान विश्वनाथ की नगरी काशी यानि वाराणसी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है. यहां के मणिकर्णिका घाट पर स्थित बाबा महाश्मशान मंदिर में सीवर का दूषित पानी भर गया था, जिससे मंदिर प्रशासन और श्रद्धालु बेहद खफा हैं. हालांकि, मंदिर से दूषित पानी को निकाल लिया गया है. लेकिन महाश्माशन सेवा समिति का कहना है कि इस समस्या का स्थायी निदान जरूरी है. अगर इस समस्या का स्थायी निदान नहीं किया गया, तो 72 घंटे बाद यानि रविवार से मणिकर्णिका घाट पर अंत्येष्टि नहीं करने दी जाएगी.
महाश्माशन सेवा समिति के अध्यक्ष चैनु प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बरसात के समय अक्सर ये समस्या हो जाती है. बाबा महाश्मशान के मंदिर में सीवर का पानी भर जाता है. इस साल भी यह दिक्कत हुई, जिससे मंदिर में बाबा के नियमित पूजन-आरती में श्रद्धालुओं को काफी परेशानियां उठानी पड़ीं. अनुष्ठान के लिए श्रद्धालु बाबा के पास नहीं जा पा रहे थे.
महाश्मशान सेवा समिति की मांग
महाश्मशान सेवा समिति के अध्यक्ष चैनु प्रसाद गुप्ता , मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर और अग्नि देने वाले डोम राजा चौधरी परिवार के लोगों ने समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने पर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया है. इनका कहना है कि अगर प्रशासन समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकालता है तो रविवार से अंत्येष्टि के लिए आने वालों को ना तो लकड़ी दी जाएगी और ना ही उन्हें डोम राजा की ओर से अग्नि दी जाएगी.