MP Assembly Election 2023: आजादी के बाद मध्य प्रदेश में अब तक कुल 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं और इनमें से 12 बार राज्य में उस दल की सरकार बनी है, जिसने खरगोन विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया. वर्ष 1972 से लेकर अब तक हुए सभी 12 चुनावों में यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भी यह क्रम जारी रहता है या नहीं.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के तहत 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी. खरगोन के अलावा राज्य की तीन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पिछले नौ विधानसभा चुनावों में क्षेत्र की जनता ने जिसे चुना, उसी दल की राज्य में सरकार बनी. इनमें बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट, मंडला जिले की निवास सीट और बड़वानी जिले की सेंधवा सीट शामिल है.

वर्ष 1977 से लेकर अब तक हुए सभी चुनावों में खरगोन के साथ ही नेपानगर, निवास और सेंधवा सीट के परिणाम भी उसी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में गए, जिसने सत्ता हासिल की. खरगोन विधानसभा चुनाव के अब तक के इतिहास में सिर्फ एक ही अवसर ऐसा आया, जब वहां की जनता ने जिस दल के उम्मीदवार को जिताया, राज्य में उसकी सरकार नहीं बनी. वर्ष 1951 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में ही यह सीट अस्तित्व में आ गई थी. उन दिनों मध्य प्रदेश, मध्य भारत का हिस्सा था. राज्यों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप 1956 में मध्य प्रदेश एक राज्य के रूप में अस्तित्व में आया.

पहले और दूसरे विधानसभा चुनाव में खरगोन से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की और राज्य में सरकार भी कांग्रेस की ही बनी. उन दिनों रवि शंकर शुक्ल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. साल 1962 का विधानसभा चुनाव ही ऐसा था, जब निमाड़ अंचल के खरगोन की जनता ने राज्य के मतदाताओं के सियासी मूड के अनुरूप मतदान नहीं किया.