उत्तर प्रदेश के जौनपुर के पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री बेचे जाने का मामला सामने आया है. हैरत की बात तो यह है कि फर्जी डिग्री कोई और नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के दो कर्मचारी ही बेच रहे थे. फिलहाल, फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ होने पर परीक्षा नियंत्रक की शिकायत पर दो कर्मचारियों समेत तीन आरोपियों के खिलाफ सरायख्वाजा थाने में केस दर्ज कराया गया है.

दरअसल, जौनपुर में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों पर फर्जी डिग्री बनाने और उसे बेचने के आरोप लगे हैं. आरोप है कि दोनों कर्मचारियों ने एक अन्य व्यक्ति की मदद से बीएड और बीफार्मा की फर्जी डिग्री बनाकर बिहार के दो छात्रों को 40 से 50 हज़ार रुपये लेकर बेच दी.

बिहार के रहने वाले दो लोगों ने की शिकायत

इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ तब हुआ, जब फर्जी डिग्री खरीदने वाले बिहार के छपरा निवासी विष्णु प्रसाद चौबे और आरा निवासी रविकांत तिवारी के फर्जी डिग्री की छायाप्रति संलग्न करके विश्वविद्यालय को एक शिकायती पत्र के साथ स्पीड पोस्ट भेजा. शिकायत मिलते ही विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों कर्मचारियों समेत तीनों आरोपीयों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया.

तीन लोगों पर केस दर्ज

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री बनाने और बेचने के आरोप विश्वविद्यालय के कर्मचारी सन्तोष तिवारी, अनिल सिंह पर लगे हैं. शिकायतकर्ताओं ने बताया है कि ये दोनों कर्मचारी स्वामीनाथ मिश्र के जरिये फर्जी डिग्री बनाते और बेचते थे. फिलहाल परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह की तहरीर पर सोमवार को सरायख्वाजा थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है. पुलिस केस दर्ज कर मामले की छानबीन में जुट गयी है.