MSP Hikes: देशभर के करोड़ों किसानों के लिए सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को 9 साल बाद ऐसा तोहफा दिया है. सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) में बढ़ोतरी की है और इस बार की MSP बढ़ोतरी की खास बात यह है कि 2014 के बाद इस बार MSP में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. अगले साल लोकसभा चुनाव होना है उससे पहले इस फैसले को सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है. इसके साथ ही कई राज्यों में भी व‍िधानसभा चुनाव होने हैं.

10 करोड़ परिवारों की खेती पर निर्भरता

नाबार्ड की ताजा र‍िपोर्ट के अनुसार देश में करीब 10 करोड़ परिवारों की खेती पर निर्भरता है. ऐसे में सरकार की तरफ से उठाया गया यह कदम 10 करोड़ परिवारों को सीधा प्रभाव डालेगा. जीडीपी में खेती-बारी का हिस्सा लंबे समय बाद पिछले दो साल में बढ़ा है. साल 2020-21 में देश की जीडीपी में एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर का हिस्सा 20 प्रत‍िशत हो गया है. इसके पहले एग्री सेक्‍टर की ह‍िस्‍सेदारी 17.8 प्रत‍िशत थी.

एमएसपी में सबसे बड़ा इजाफा

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा एमएसपी में किया गया यह सबसे बड़ा इजाफा है. सरकार ने मार्केटिंग सेशन 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल करने की घोषणा की है. प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने यह कदम उठाया है.

मध्यप्रदेश और राजस्थान चुनाव से पहले सरकार का फैसला

प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने यह कदम उठाया है. गेहूं और गेहूं के आटे की उपभोक्ता कीमतें पिछले डेढ़ साल से दबाव में होने के बावजूद इस फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में काफी इजाफा हुआ है. मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने यह फैसला लिया है.