पूजन के दौरान स्थापित कलश में देवी देवता समाये होते हैं। दीपिका राठौड़
पूजन के दौरान स्थापित तांबे के कलश को सुख समृद्धि वैभव मंगल कामनाओं का प्रतीक माना जाता है। इसमें संपूर्ण देवता समाये हुए होते हैं। पूजन के दौरान विधि विधान से कलश स्थापना करनी चाहिए। सनातन धर्म मैं मस्तिष्क पर लगे तिलक का महत्व बताते हुए कहा की प्रतिदिन स्नान के बाद मस्तिष्क पर तिलक व बालिकाओं को बिंदी लगाना चाहिए। उक्त बात देवालय प्रांगण पर आयोजित गायत्री शक्तिपीठ द्वारा संपन्न दीप यज्ञ के छठे दिन दीपयज्ञ का संचालन करते हुए दीपिका राठौड़ ने कही है।
उन्होंने दिप यज्ञ के दौरान उपस्थित प्रांगण पर बालक एवं बालिकाओं को सुबह उठते ही गायत्री मंत्र का उच्चारण के लिए संकल्पित किया। वही बच्चों को दीप यज्ञ के दौरान संकल्प दिलाते हुए भोजन के पूर्व एवं स्कूल जाते वक्त भी गायत्री मंत्र का उच्चारण करने की बात कही। मंत्र उच्चारण के साथ दीप यज्ञ संपन्न हुआ तत्पश्चात शिवालय प्रांगण पर दीप यज्ञ के दौरान उपस्थित गायत्री शक्तिपीठ के कार्यकर्ताओं के साथ बच्चों ने आरती कर प्रसादी का पुण्य लाभ लिया । माता रानी के आराधना के दिनों में पहले ही दिन से शाम होते ही छोटे-छोटे बच्चे अपने घरों से दीपक वह पूजा की आरती लिए शिवालय प्रांगण पर आयोजित होने वाले दीप यज्ञ कार्यक्रम में प्रतिदिन शामिल होते हुए दिखाई दिए। नवरात्रि के छठे दिन आयोजित होने वाले दीप यज्ञ का संचालन डिंपल सोनी व दीपिका राठौड़ ने किया।