भारत से कनाडा के 41 राजनयिकों की वापसी के बाद यह मुद्दा काफी गरमा गया है. दोनों देश एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि भारत ने जो कार्रवाई की वह अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है. भारत का यह एकतरफा फैसला है. यह वियना संधि का उल्लंघन है. पीएम ट्रूडो ने कहा कि इस फैसले से भारत सरकार ने लाखों लोगों का जीवन कठिन बनाया है. सभी देशों को इसके बारे में सोचना चाहिए.
बता दें कि भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों की देश वापसी को लेकर ट्रूडो सरकार की ओर से लगाए गए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के आरोप को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में कनाडाई राजनयिकों की समान संख्या सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन नहीं. भारत ने कहा कि हमारा कदम हमारा कदम वियना संधि के अनुच्छेद 11.1 के तहत पूरी तरह से सुसंगत है.
ट्रूडो का यह बयान कनाडा द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन के आरोप को खारिज किए जाने के कुछ घंटे के बाद आया है. ओंटारियो के ब्राम्पटन में मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा कि भारत सरकार लाखों लोगों की जिंदगी को कठिन बना रही है. वे वे अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक सिद्धांत का उल्लंघन कर रहे हैं.
भारत ने कनाडा के आरोप को किया खारिज
भारत ने कनाडा के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कनाडाई राजनयिकों की समान संख्या सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन नहीं. हमने अपने इस फैसले को लेकर कनाडा को पहले बता दिया था. भारत ने कनाडाई राजनियों को देश छोड़ने के लिए 10 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया था. डेडलाइन बीत जाने के बाद भी वे ऐसा नहीं कर सके तो भारत ने कनाडा को 10 दिन की और मोहलत दे दी.