काशी का ज्ञानवापी का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. लेकिन इसी बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक दावे ने हलचल मचा दी है. उन्होंने दावा किया है कि सिंधिया घराने की महारानी बैजाबाई ने ज्ञानवापी के कुएं में मौजूद शिवलिंग का संरक्षण किया था. सिंधिया के इस दावे ने इस बात को भी बल दे दिया है कि ज्ञानवापी के कुएं में शिवलिंग ही मौजूद है.

दरअसल, ज्ञानवापी के मामले पर पूरा देश निगाह गढ़ाए बैठा हुआ है. ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में देवी देवताओं की पूजा करने की इजाजत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. यह मामला लगातार वाराणसी की सिविल कोर्ट के साथ ही इलाहाबाद के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पहुंचता रहा है. ज्ञानवापी के विवादित एरिया के सर्वे और वीडियो ग्राफी के बीच कोर्ट में दलीलें भी जारी हैं.

इसी बीच, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह बयान देकर हलचल मचा दी है कि ज्ञानवापी के कुएं में शिवलिंग मौजूद है और इस शिवलिंग का संरक्षण सिंधिया घराने की महारानी बैजाबाई ने किया था. उन्होंने कहा कि बैजाबाई ने मालवा की महारानी अहिल्याबाई होलकर के साथ मिलकर यह संरक्षण किया था. सिंधिया रविवार की रात को ग्वालियर में आयोजित रामलीला मंचन कार्यक्रम में पहुंचे थे और यहां वे रामलीला देखने पहुंचे लोगों को संबोधित कर रहे थे.

इस दौरान सिंधिया ने दावा किया कि जब बाहरी आक्रमणकारी हमला कर रहे थे तब बैजाबाई ने न केवल ज्ञानवापी के कुएं में मौजूद शिवलिंग का संरक्षण किया, बल्कि उसे काशी में फिर से स्थापित भी किया. सिंधिया का यह बयान सामने आने के बाद हलचल मच गई है. हालांकि, अभी तक किसी ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया तो नहीं दी है.