Israel Palestine Conflict: इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध से पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है। गाजा में इसकी वजह से मानवीय संकट पैदा हो गया है। इस बीच इजराइल किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं है। युद्ध रुकता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। गाजा की सीमा पर इजराइल ने टैंकों के साथ अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है और जमीनी हमले की तैयारी में है, लेकिन यह आसान नहीं होगा। किसी भी देश पर हवाई हमले करना अलग बात है जबकि जमीनी हमले करना बिल्कुल दूसरी बात।
ऐसा हम अफगानिस्तान युद्ध में देख चुके हैं। जब अमेरिका ने वहां अपने सैनिक उतार दिए। अमेरिका जैसी महाशक्ति को वहां दशकों तक जूझना पड़ा और जीत नहीं मिली। इराक और विएतनाम के केस में भी ऐसा ही देखा गया है। पिछले युद्धों के परिणाम को देखकर इजराइल ने भी सबक सीखा है। इजराइल जैसा ताकतवर देश गाजा पर जमीनी हमले करने से हिचक रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इसके लिए इजराइल को आगाह कर चुके हैं। अमेरिका जानता है कि किसी देश पर जमीनी आक्रमण करना कितना घातक है। अमेरिका पहुंचे बाइडेन ने कहा था कि गाजा पर कब्जा करना इजराइल की बड़ी गलती हो सकती है।
इसकी एक वजह तो यह भी हो सकती है कि मुस्लिम देश इससे और भी नाराज हो जाएंगे और मिडिल ईस्ट में तनाव और भी बढ़ जाएगा। दूसरा अगर इजराइल गाजा पर हमला करेगा तो लेबनान की सीमा से हिजबुल्लाह उसपर हमला कर सकता है। ऐसे में दोनों मोर्चों पर युद्ध लड़ना इजराइल के लिए मुश्किल होगा। तीसरा इजराइल में आम नागरिकों के मारे जाने को वे देश भी गलत मान रहे हैं जो इजराइल का समर्थन कर रहे थे। हमले के बाद वे इजराइल के पक्ष में जरूर आए थे लेकिन अगर गाजा पर इजराइल हमला कर देगा तो ये देश उसके खिलाफ जा सकते हैं।
चौथा इजराइल किसी भी तरह हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों को छुड़ाना चाहता है। जमीनी हमले के बाद उन्हें छुड़ाना संभव नहीं होगा। इजराइल को यह भी डर है कि जमीनी हमले में उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि यह नहीं मालूम है कि आतंकी कहां छिपकर बैठे हों और सैनिकों पर हमला कर दें। आशंका है कि वे कहीं भी सुरंग बनाकर छिपे हो सकते हैं।