NCERT की क‍िताबों में जल्द ही एक नया ऐतिहासिक बदलाव हो सकता है. इस बदलाव के बाद अब छात्रों को किताबों में इंडिया की जगह भारत शब्द पढ़ाया जाएगा. एनसीईआरटी पैनल ने सभी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में भारत का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव दिया है.

पैनल के सदस्यों में से एक सीआई आइजैक ने कहा कि प्रस्ताव मंजूर होने के बाद एनसीईआरटी किताबों के अगले सेट में इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाएगा. समिति ने पाठ्यपुस्तकों में “हिंदू विक्ट्रीज” को उजागर करने की भी सिफारिश की है.

समिति ने पाठ्यपुस्तकों में ‘एंशि‍एंट हिस्ट्री’ के स्थान पर ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ को शामिल करने की सिफारिश की. इतिहास को अब प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में विभाजित नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे पता चलता है कि भारत एक पुराना और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से अनजान राष्ट्र है. अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा है. अब एंशिएंट का मतलब प्राचीन होता है. वो दिखाता है कि देश अंधेरे में था, जैसे कि उसमें कोई वैज्ञानिक जागरूकता थी ही नहीं. सौर मंडल पर आर्यभट्ट के काम समेत ऐसे कई उदाहरण भी हैं.

आइजैक ने कहा कि असल में इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था. वहीं भारत शब्द का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है, जो 7 हजार साल पुराने हैं. ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिए.

सभी विषयों में IKS की शुरुआत होगी

सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) यानी इंडियन नॉलेज सिस्टम की शुरूआत भी इस नये बदलाव का हिस्सा है. बता दें कि यह समिति उन 25 समितियों में से एक है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पाठ्यक्रम को बदलने के लिए केंद्रीय स्तर पर एनसीईआरटी के साथ काम कर रही है. फिलहाल नवीनतम पाठ्यपुस्तकें अभी आनी बाकी हैं.