जेडीयू के भीम संसद की तारीख आगे बढ़ा दी गई है. महा दलित वोटरों को गोलबंद करने के लिए पार्टी की तरफ़ से पटना में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी थी. तय हुआ था कि 5 नवंबर को भीम संसद होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महा दलित समाज के लिए अब तक क्या किया है, वे खुद बताने वाले थे. पता चला है कि अब भीम संसद 26 नवंबर को होगा. बताया गया है कि 6 नवंबर से बिहार विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. इसीलिए तारीख़ बदल गई है. लेकिन जेडीयू के कुछ नेता इसे अशोक चौधरी और ललन सिंह के झगड़े से भी जोड़ कर देख रहे हैं.
जेडीयू के एक एमएलसी ने बताया कि कुछ तो गड़बड़ है. अशोक चौधरी ने भीम संसद के लिए पूरी तैयारी कर ली थी, ऐसे में डेट बढ़ा देने का औचित्य समझ में नहीं आता है. विधानसभा की बैठक से पहले इस कार्यक्रम को करने में कोई अड़चन नहीं थी. नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को भीम संवाद कार्यक्रम का प्रभारी बनाया था. वे बिहार सरकार में मंत्री हैं और नीतीश के करीबी नेताओं में से एक हैं. कुछ दिनों पहले पटना में नीतीश कुमार के घर पर ही ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच बहस हो गई थी.
ललन सिंह और अशोक चौधरी में क्यों ठन गई?
इस झगड़े की वजह अशोक चौधरी का बार बार बरबीघा जाना बताया जाता है. अशोक चौधरी कभी यहां से विधायक हुआ करते थे. लेकिन अब जेडीयू के सुदर्शन कुमार यहां से एमएलए हैं. बिना उनकी जानकारी के अशोक चौधरी बरबीघा में पार्टी का कार्यक्रम कर लेते थे. इसकी शिकायत सुदर्शन ने जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह से कर दी. सुदर्शन को ललन सिंह का करीबी माना जाता है. इसी बात पर ललन सिंह और अशोक चौधरी में ठन गई. कहा जा रहा है कि भीम संसद की तारीख बढ़ जाने के पीछे इस झगड़े का कनेक्शन भी हो सकता है.