UP Stubble Burning News: उत्तर प्रदेश को पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से जल्द निजात मिलेगी. यही नहीं, प्रदेश में पराली से कंप्रेस्ड गैस (सीएनजी) का उत्पादन होगा, जिससे आय के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इसके साथ ही शुद्ध जैविक खाद (ग्रीन एनर्जी) का भी उत्पादन होगा, जिसके इस्तेमाल से होने वाली पैदावार के सेवन से बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सकेगा.
दरअसल, सीएम आदित्यनाथ योगी ने प्रदेश में जैव ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए जैव ऊर्जा नीति 2022 को जारी किया है. इस नीति के तहत बड़े पैमाने पर निवेश का लक्ष्य रखा गया है. कई बड़े निवेशकों ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश सरकार के साथ एमओयू किया, जो अब धरातल पर उतरने जा रहा है. योगी सरकार ने हर तहसील में बायोगैस प्लांट का लक्ष्य रखा है, जिसमें से कुछ जल्द ही शुरू होने के लिए तैयार हैं.
पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता होगी कम
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जो प्लांट शुरू होने को तैयार हैं उनमें बुलंदशहर का बुलंद बायोगैस भी है, जिसकी स्थापना ग्राम लौहगला तहसील में हो रही है. बुलंद बायोगैस ने प्रदेश सरकार के साथ 18.75 करोड़ रुपये का एमओयू किया था, जिसकी कॉस्ट बढ़कर अब 21 करोड़ रुपये हो गई है. यह प्लांट दिसंबर में अपना उत्पादन शुरू कर देगा. इस प्लांट से प्रतिदिन 3 टन सीएनजी का उत्पादन होगा, जिससे प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी. वहीं 80 से 100 लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
लोगों को मिलेगा रोजगार
इनमें स्किल्ड और अनस्किल्ड दोनों तरह के लोगों को रोजगार प्राप्त होगा. बुलंद बायो गैस के ओनर अतहर अहमद ने बताया कि प्लांट में सिर्फ पराली ही नहीं, बल्कि पुआल, गोबर, भूसा, गन्ने की मैली, म्युनिसिपल वेस्ट जैसे डिग्रेडेबल वेस्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस या ये कहें कि सारी गैसों का मिक्सचर बनता है. इसको टेक्नोलॉजी की मदद से सीएनजी को प्यूरीफाई किया जाता है. इस प्लांट के लिए इंडियन ऑयल से लाइसेंस मिल चुका है.