मध्य प्रदेश चुनाव में इस वक्त लाड़ली बहना योजना की बड़ी चर्चा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब इस योजना की शुरुआत कर रहे थे, तब वो सबसे पहले उमा भारती का आशीर्वाद लेने ही गए थे. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि उमा जी पहली लाड़ली बहना हैं, मगर अब वही लाड़ली बहना अब मध्य प्रदेश में प्रचार-प्रसार नहीं करेंगी. उमा भारती ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि 2003 से लेकर अभी तक डेढ़ साल को छोड़कर हमारी ही सरकार रही. वह सपने कितने पूरे हुए उस पर अभी और आत्मचिंतन मैं अभी कुछ दिन हिमाचल में बद्री केदार के दर्शन करते समय करूंगी.

उमा भारती वो नेता हैं, जिन्होंने 2003 में एक नया इतिहास लिखा था. दिग्विजय सिंह की दस साल की सारकर को उखाड़ फेंका था. 230 में से 173 सीट लाकर बीजेपी को अब-तक की सबसे बड़ी जीत दिलाई थी, मगर कल जब बीजेपी ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की तो उसमें उमा भारती जैसी फायर ब्रांड नेता का नाम शामिल नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 6 दिन पहले ही ट्वीट कर कहा था कि मैंने मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पावर ऑफ अटर्नी देकर रखी है, वो मुझे जिस सीट पर कहेंगे, मैं वहां प्रचार करुंगी. पार्टी ने उन्हें शायद इस लायक नहीं समझा. यही कारण रहा कि न तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें प्रचार के लिए बोला ना ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने.

ओबीसी महिलाओं की आरक्षण की उठाई थी मांग

हाल ही में संसद में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई. सभी ने इस फैसले को सराहा था, मगर दूसरी तरफ उमा भारती ने कहा महिला आरक्षण में भी आरक्षण होना चाहिए. ओबीसी महिलाओं को 27 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए. इसे लेकर उमा भारती ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा था.