Central Government Reply In Supreme Court On CBI: केंद्र सरकार ने गुरुवार (9 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को लेकर महत्वपूर्ण जवाब दाखिल किया है. केंद्र ने कहा है कि CBI स्वतंत्र कानूनी संस्था है और उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है. अपने जवाब में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज करने का आग्रह किया, जिसमें सीबीआई पर राज्य की सहमति के बिना एफआईआर दर्ज करने और जांच शुरू करने का आरोप लगाया गया था.

“राज्य की अनुमति के बगैर FIR दर्ज कर जांच कर रही CBI”

पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर दावा किया है कि राज्य में 12 मामलों की सुनवाई से सीबीआई को हटाया जाना चाहिए. राज्य ने कहा है कि राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य की सहमति अनिवार्य की गई है. बावजूद इसके सीबीआई एफआईआर दर्ज कर रही है और जांच कर रही है. इस पर केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि सीबीआई एक स्वतंत्र कानूनी संस्था है और उसका इस पर कोई नियंत्रण नहीं है.

बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत शीर्ष अदालत में एक मुकदमा दायर किया है. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और अरविंद कुमार की पीठ को बताया कि बंगाल सरकार की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि अनुच्छेद 131 के तहत सीबीआई के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है.

हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रही CBI

मेहता ने कहा कि मुकदमे में जिन 12 मामलों का उल्लेख किया गया है, वे कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा, “ये तथ्य मुकदमे से पूरी तरह से गायब हैं. इस अदालत को गुमराह करने का प्रयास किया गया है क्योंकि तथ्यों को दबा दिया गया है.” उन्होंने कहा कि एफआईआर भी कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर है दर्ज की गई है.