Chhattisgarh News: नारायणपुर (Narayanpur) जिले में बीजेपी (BJP) जिला उपाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य रतन दुबे (Ratan Dubey) की हत्या को लेकर नक्सलियों ने पर्चा जारी किया है. साथ ही नक्सली संगठन के पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने बीजेपी नेता की हत्या की जिम्मेदारी ली है.

नक्सलियों ने अपने पर्चे में रतन दुबे पर जनविरोधी नीतियों पर अमल करने, नारायणपुर विधानसभा के बीजेपी प्रत्याशी केदार कश्यप के लिए अंदरूनी गांवो में चुनावी प्रचार करने के दौरान ग्रामीणों को एक- एक हजार रुपये बांटने, उनको मुर्गा खिलाकर उनसे वोट देने की अपील करने और आमदई और रावघाट के आयरन ओर की खदानों में दलाली करने जैसे आरोप लगाते हुए उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली है.

रतन दुबे पर लगाए ये आरोप

इधर बीते 10 नवंबर को ही बीजेपी ने रतन दुबे की हत्या को राजनीतिक षणयंत्र बताते हुए नारायणपुर एसपी को ज्ञापन सौपकर जांच की बात कही थी. वहीं नक्सलियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी के द्वारा जारी पर्चा में नक्सलियों ने ये भी आरोप लगाया है कि रतन दुबे परिवहन कारोबार के जरिए खदानों में दलाली के काम के साथ-साथ सरकारी सप्लाई का काम और गांव-गांव में धर्मांतरण के नाम पर आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार कर रहा था. इसके अलावा रतन दुबे पुलिस कैंपो के विस्तार में भी रतन दुबे मदद कर रहे थे.

बस्तर डिवीजन कमेटी ने रतन दुबे की हत्या की

ऐसे में रतन दुबे को बीते चार नवंबर को मौका देखकर कौशलनार बाजार में चुनावी प्रचार करने के दौरान मौत के घाट उतारा गया है. नक्सलियों ने अपने पर्चे में कई अन्य बातें भी लिखी हुई हैं. बीजेपी जिला उपाध्यक्ष रतन दुबे की हत्या को लेकर सस्पेंस बना हुआ था, लेकिन नक्सलियों द्वारा पर्चा जारी करने के बाद अब साफ हो गया है कि पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी ने रतन दुबे की हत्या की है. गौरतलब है कि नक्सलियों द्वारा बीजेपी जिला उपाध्यक्ष के हत्या के बाद बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं ने हत्या को संदिग्ध मानते हुए बीते 10 नवंबर को नारायणपुर एसपी को ज्ञापन सौंपकर प्रशासन से इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.

बीजेपी नेताओं ने कहा था कि यह प्रथम दृष्टिया नक्सली हत्या नजर नहीं आती. इस हत्या से राजनीतिक षड्यंत्र की बू आ रही है. बीजेपी वालों के द्वारा ज्ञापन सौपने के अगले दिन ही यानी शनिवार नक्सलियों ने पर्चा जारी कर हत्या की जिम्मेदारी ली है. इधर इस मामले में पुलिस ने एक प्रत्यक्षदर्शी गवाह के बयान के आधार पर नक्सल संगठन के दो अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. पुलिस ने अपनी एफआईआर में पूरी घटना क्रम का जिक्र करते हुए लिखा है कि दो लोगों ने रतन दुबे की धारदार हथियार से हत्या की और घटना के बाद वहां नारेबाजी भी की.