दिल्ली-एनसीआर की फिजा पिछले कई दिनों से जहरीली बनी हुई है. हालांकि बारिश ने प्रदूषण को कम जरूर कर दिया था, लेकिन ये एक बार बढ़ने लग गया है. दरअसल, पंजाब में पराली जलाने के मामलों में फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सूबे में सोमवार को 1624 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जबकि बीते दिन यानी 12 नवंबर को 987 पराली जलाने के मामले सामने आए थे. एक दिन में 637 माले बढ़ गए.
सबसे ज्यादा बठिंडा जिले में पराली को जलाया गया. यहां 272 जगहों पर पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं. दूसरे नंबर पर संगरूर जिला रहा. यहां 216 जगहों पर पराली जलाई गई है. पंजाब में अब तक 26341 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. सूबे का बठिंडा शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा है. यहां का AQI 380 रिकॉर्ड किया गया.
देर रात पटाखे फोड़े जाने के बाद सोमवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई, जबकि इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया और आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बारिश के कारण मिली राहत के बाद राजधानी में प्रदूषण के स्तर में उछाल दर्ज किया गया. सुबह-सुबह धुंध छाई रही.
दिल्ली में एक्यूआई 358 दर्ज किया गया
दिल्ली में रविवार को आठ सालों में दिवाली के दिन सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 4 बजे 218 पर पहुंच गया, लेकिन राहत अल्पकालिक थी क्योंकि सोमवार को एक्यूआई 358 दर्ज किया गया. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर AQI 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. वायु गुणवत्ता निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी IQAir के अनुसार, सोमवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पाकिस्तान में लाहौर और कराची थे. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता पांचवें और छठे स्थान पर हैं.