कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए राजस्थान पहुंचे. यहां राहुल गांधी ने कांग्रेस के एकजुट होने का संदेश देने की कोशिश की. राहुल जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ नजर आए.
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हम न सिर्फ साथ साथ दिख रहे हैं, बल्कि बल्कि एकजुट भी हैं. हम साथ रहेंगे और कांग्रेस यहां चुनाव जीतेगी. राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. कांग्रेस आलाकमान और राहुल की कोशिश है कि मतदान से पहले जनता को ये संदेश दिया जाए कि राजस्थान में दोनों नेताओं (गहलोत और पायलट) के बीच सब कुछ ठीक चल रहा है.
चुनाव प्रचार के दौरान दिखी थी तकरार
राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में बने रहने के लिए पूरा दमखम लगा रही है. कांग्रेस नेतृत्व लगातार यह दिखाने का कोशिश में जुटा है कि पार्टी में नेताओं के बीच कोई मनमुटाव नहीं है और एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा जा रहा है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बयानों से दोनों के बीच तल्खी दिख ही जाती है. पिछले दिनों अशोक गहलोत ने कहा था, वे तो सीएम पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन कुर्सी उन्हें नहीं छोड़ रही है और भी सीएम की कुर्सी उन्हें नहीं छोड़ेगी.
गहलोत ने कहा था, पायलट साहब के सब टिकट लगभग क्लियर हो रहे हैं. उनके एक भी टिकट पर मैने उंगली नही उठाई. इस से बड़ी बात क्या हो सकती है? गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी ने अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले मुझे सीएम बनाया था. मुझ पर हाईकमान ने इतना विश्वास किया है, इसके पीछे कुछ तो कारण होंगे
पायलट ने किया था पलटवार
सचिन पायलट ने गहलोत के कुर्सी नहीं छोड़ने वाले बयान पर पलवटवार करते हुए कहा था कि कौन किस पद पर बैठेगा ये विधायक दल और आलाकमान तय करेगा. उन्होंने कहा, किसी के खुद को सीएम घोषित करने से कोई सीएम नहीं बनता.
आलाकमान ने चुनाव से पहले विवाद सुलझाने की कोशिश की थी
राजस्थान में सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट में 2018 से खींचतान चलती आ रही है. दोनों नेता कई बार एक दूसरे पर खुलकर निशाना भी साधते रहे हैं. चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं को आपसी मनमुटाव खत्म करके साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए कहा था. इसके बाद सचिन पायलट को कांग्रेस वर्किंग कमेटी में भी शामिल किया गया था.