इजराइल और हमास के बीच जंग का आज 41वां दिन है. एक ओर इजराइली सेना ने गाजा के अल शिफा अस्पताल को युद्ध का मोर्चा बना दिया है जबकि दूसरी तरफ एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इजराइल और हमास के बीच बैक चैनल बातचीत भी जारी है.

मध्य-पू्र्व के देश कतर की मध्यस्थता में दोनों गुटों के बीच युद्धविराम की कोशिश हो रही है. ये बातचीत अगर अपने मकाम तक पहुंचती है तो इजराइल तीन दिन के सीजफायर का ऐलान कर सकता है. वहीं, इसके बदले में हमास 50 के करीब बंधकों को छोड़ सकता है.

हमास की हामी, इजराइल की आनाकानीअग

अमेरीका की देखरेख में हो रही इस बातचीत में चर्चा इस पर भी हो रही है कि इजराइल कुछ फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को इजरायली जेलों से रिहा करे. साथ ही, गाजा में मानवीय मदद, रसद-पानी, दवाई और तेजी से पहुंचने दे. हालांकि, यह अभी तक साफ नहीं है कि हमास ने कितने फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों के रिहाई की शर्त रखी है.

मोटे तौर पर हमास ने इस समझौते को हरी झंडी दे दी है लेकिन इजराइल अब भी आनाकानी कर रहा है. इजराइल चाहता है कि अभी सीजफायर के इस मसौदे पर और बातचीत हो. अगर ये चर्चा सफल हो जाती है तो 7 अक्टूबर को हमास की ओर से बंधक बनाए गए लोगों की यह सबसे बड़ी रिहाई होगी.

कतर पहले भी कर चुका है कमाल!

कतर दरअसल एक ऐसी कड़ी है जिसकी बातचीत हमास से भी है और इज़राइल से भी. इससे पहले भी कतर दोनों पक्षों के बीच कुछ मामलों मे मध्यस्थ की भूमिका निभा चुका है. कतर में हमास का एक राजनीतिक कार्यालय भी है. इसलिए यह बातचीत धीमी ही सही मगर आगे बढ़ रही है.

फिलहाल भले बातचीत 50 बंधकों पर आ गई हो लेकिन कुल तकरीबन 240 से अधिक बंधकों की रिहाई की कतर कोशिश कर रहा है. इन्हें हमास के लड़ाके 7 अक्टूबर को हमले के बाद अपने साथ ले गए थे. अब तक कम से कम 11,300 फिलिस्तीनी इस जंग में मारे जा चुके हैं. मृतकों में तकरीबन दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं. वहीं, हमास के हमलों में 1,200 इजराइली नागरिकों की मौत हो चुकी है.