राजधानी दिल्ली में छठ पर्व से पहले यमुना को साफ और स्वच्छ करने को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के द्वारा बीते दो दिनों से केमिकल का छिड़काव कराया जा रहा है, बावजूद इसके जहरीला झाग कम होता नजर नहीं आ रहा. आज सुबह भी कालिंदी कुंज में यमुना नदी में बड़ी मात्रा में झाग नजर आया. झाग को खत्म करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी नाव पर सवार होकर लगातार केमिकल का छिड़काव कर रहे हैं. झाग के चलते छठ मनाने वाले श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं घुटने तक पानी में उतरकर सूर्य का अर्घ्य देती हैं. जहरीले झाग के बीच यमुना में उतरने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में व्रतियों के सामने मुश्किल यह है कि वे कैसे पूजा करेंगी. वहीं अब इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यमुना के पानी के ऊपर सफेद झाग की परत ने छठ पर्व मनाने वाले पूर्वांचली लोगों की भावनाओं को आहत किया है.
आतिशी ने दो दिन में झाग खत्म करने का किया था दावा
दिल्ली सरकार की मंत्री और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री आतिशी मार्लेना ने गुरुवार को कहा था कि यमुना से जहरीले झाग को हटाने के लिए चल रहे प्रयास में फूड ग्रेड केमिकल्स का उपयोग शामिल है. उन्होंने आगे दावा किया था कि जहरीला झाग अगले दो दिनों में गायब हो जाएगा. लेकिन उनका यह दावा हवा हवाई साबित होता नजर आ रहा है. ये हालात तब हैं जब केजरीवाल सरकार ने यमुना की सफाई के लिए अतिरिक्त बजट भी जारी किया है.
‘यमुना में बढ़ रहा अमोनिया लेवल’
इस बीच आतिशी ने यूपी और हरियाणा की बीजेपी सरकारों पर आरोप लगाते हुए अनुरोध किया कि वे अपने गंदा पानी यमुना में छोड़ना बंद करें, जो बहकर दिल्ली में आता है और नदी को प्रदूषित करता है. दिल्ली सरकार लगातार आरोप लगाती रही है कि हरियाणा की फैक्ट्री से निकलने वाले पानी से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है. दरअसल, यमुना के पानी में डिटरजेंट की मात्रा सीवेज से या फिर इंडस्ट्री से निकलने वाले कचरे से आती है. इसके चलते ही नदी में झाग बनता है.