उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले 9 दिन से निर्माणाधीन सुरंग में 41 मजदूर फंसे हुए हैं. सुरंग से मजदूरों को सही सलामत निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इसके लिए विदेशी मशीनों का सहारा लिया गया है. इस बीच सुरंग में फंसे मजूदरों को खाना देने के लिए 6 इंच का एक और पाइप अंदर डाला गया है. यह 6 इंच का पाइप रविवार से डाला जा रहा था. जो कि सोमवार को यह पाइप सही सलामत 57 मीटर के मलबे को चीरते हुए अंदर चला गया है. अब इस एक्सट्रा पाइप से भी अंदर फंसे मजदूरों को खाना दिया जाएगा. अब अंदर फंसे मजदूरों को खाना देने के लिए 6 इंच के दो पाइप हो गए हैं.

अमेरिकन अर्थ ऑगर मशीन से मलबे में सुरंग बनाकर स्टील पाइप डाली जा रही थी, लेकिन किन्हीं कारणों ड्रिलिंग का काम भी धीमी गति से चल रहा है. अभी तक सिर्फ 30 मीटर की पाइप अंदर गई है, जबकि मलबा करीब 57 मीटर तक जमा है. अलग-अलग तरीकों की मशीनों के इस्तेमाल के बाद भी जब सफलता नहीं मिल पाई तो पीएमओ और राज्य सरकार ने रेस्क्यू में लगीं एजेंसियों के साथ मिलकर पांच प्लानों पर बात की. भारत सरकार के आग्रह पर आस्ट्रेलियाई टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही ये दिक्कत

बता दें कि रेस्क्यू का प्लान A हादसे के दिन से ही शुरू हो गया था. इस प्लान के अंतर्गत मशीनों से मलबा हटाकर बाहर निकाला जाना था, जो हादसे के थोड़ी देर बाद ही शुरू हो गया था, लेकिन इसमें रेस्क्यू टीम को कोई सफलता नहीं मिली, क्योंकि जितना मलबा हटाया जा रहा था, वापस उतना ही मलबा सुरंग में आ रहा था, जिसको देखते हुए इस प्लान को कैंसिल कर दिया गया.

30 मीटर तक ही हो पाया ड्रिलिंग का काम

इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की मदद से एक नया प्लान तैयार किया, लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिली. ये भी प्लान A के तहत ही था. इसमें तीन वायुसेना विमानों के जरिए लाई गई अमेरिकन अर्थ ऑगर मशीन के जरिए सुरंग में जमा मलबे में ड्रिल कर 800 माइल स्टील पाइप को मलबे के अंदर डालना था. इसके बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालना था, लेकिन बीते शुक्रवार शाम को यह मशीन 24 मीटर ड्रिल करने के बाद वाइब्रेट करने लगी, जिसके बाद इसको बंद कर दिया गया. इसी तरह की कई अन्य मशीनों को मंगाया गया, जो अभी भी ड्रिलिंग में लगी हुई हैं, लेकिन सिर्फ 30 मीटर ही ड्रिल का काम हो पाया है.

एक प्लान में सफलता न मिलने पर बना लिए गए 4 और नए प्लान

टनल हादसे में रेस्क्यू करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए पीएमओ ने टनल विशेषज्ञ के साथ मिलकर एक नया प्लान बनाया. इसमें अब एक तरफ से रेस्क्यू न कर अलग-अलग जगहों से रेस्क्यू करने का फैसला किया गया, जिसमें सभी एक्सपर्ट्स की रजामंदी हुई.