दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. उपराज्यपाल ने दिल्ली की विजिलेंस मंत्री आतिशी की उस रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले मुख्य सचिव नरेश कुमार की प्रथम दृष्टया संलिप्तता का आरोप लगाया था.
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि उपराज्यपाल ने यह कहते हुए रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया है कि यह पूरी तरह से मंत्री के पूर्वाग्रह पर आधारित मालूम पड़ता है. फाइल में की गई टिप्पणी में उपराज्यपाल ने कहा है कि मुझे विजिलेंस मंत्री की ओर से प्रस्तुत और मुख्यमंत्री की ओर से समर्थित शिकायतों पर प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है.
उपराज्यपाल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि एक गोपनीय लिफाफे में मेरे सचिवालय को भेजी गई जानकारी पहले ही सार्वजनिक हो चुकी थी. इसकी प्रतियां खुले तौर पर उपलब्ध हैं और इसके विवरण के बारे में मीडिया में व्यापक रूप से खबरे प्रसारित की गई हैं. उन्होंने कहा रिपोर्ट देखने को बाद कोई भी यह सोचने पर मजबूर हो सकता है कि क्या यह सार्वजनिक पूर्वाग्रह पैदा करने जैसा नहीं है, जिसका उद्देश्य अदालतों को प्रभावित करना है.
पूर्वाग्रह से ग्रसित है रिपोर्ट
सक्सेना ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई पहले से कर रहा है. मेरा मानना है कि मेरे समक्ष जो सिफारिश की गई है वह पूर्वाग्रह से ग्रसित है और विचार करने योग्य नहीं है. इसलिए इस पर विचार करने के लिए सहमति नहीं जताई जा सकती है. बता दें कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने विजिलेंस मंत्री की 670 पन्नों की रिपोर्ट को उपराज्यपाल को सौंपी थी. मुख्यमंत्री की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में दिल्ली के मुख्य सचिव को निलंबित करने की मांग की थी.
आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके हैं मुख्य सचिव
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कोई सबूत है तो आप उसे ईडी और सीबीआई को उपलब्ध कराई दूध का दूध और पानी-पानी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित आरोप हैं.