India-Australia 2+2 Ministerial Dialogue: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनियाभर में ‘असाधारण चुनौतियों’ से निपटने के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का सोमवार (20 नवंबर) को फैसला किया.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में दोनों देशों ने सूचना के आदान-प्रदान और समुद्री क्षेत्र में जागरूकता को लेकर सहयोग और बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय संवाद के तहत नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग से मुलाकात की.
भारत-ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंध तेजी से मजबूत हुए- एस जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंध ऐसे समय में पिछले एक साल में तेजी से मजबूत हुए हैं, जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम बढ़ता ध्रुवीकरण, गहराता तनाव देख रहे हैं और आज क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नियमित रूप से कदम उठाए जाएं. इसलिए हमें दैनिक आधार पर स्थिरता के लिए काम करना होगा.’’
ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्ल्स ये बोले
मार्ल्स ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए चीन सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और ‘सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ी चिंता’ भी है. उन्होंने दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया.
उन्होंने समुद्री क्षेत्र में जागरूकता को लेकर सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हम एक महासागर साझा करते हैं और इस अर्थ में हम पड़ोसी हैं और हमारे दोनों देशों के लिए मिलकर काम का इससे महत्वपूर्ण समय कभी नहीं हो सकता.’’
जयशंकर ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को ‘असाधारण चुनौतियों’ का सामना करना पड़ता है और दोनों देशों के लिए इनसे निपटने की योजना बनाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ये मानव निर्मित चुनौतियां हो सकती हैं, ‘‘ये एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) स्थितियां हो सकती हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास इनका सामना करने के लिए सहयोग की संस्कृति हो.’’