देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जी20 के डिजिटल शिखर सम्मेलन में कई नेताओं ने इजराइल-हमास संघर्ष पर बात की और समय पर मानवीय सहायता प्रदान करने, हिंसा को फैलने नहीं देने तथा फिलिस्तीन मुद्दे का दीर्घकालिक समाधान खोजने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में डिजिटल तरीके से आयोजित जी20 बैठक के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि अफ्रीकी संघ, 9 अतिथि देशों और 11 अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित सभी 21 सदस्यों ने इसमें भाग लिया.
दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन
उन्होंने कहा कि इसमें सितंबर में नयी दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन के एजेंडे की प्रगति पर चर्चा हुई. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि बैठक में पश्चिम एशिया, गाजा की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई और कुछ हद तक यूक्रेन संघर्ष और उसके परिणामों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
विश्व नेताओं की पहली बैठक
यह डिजिटल शिखर सम्मेलन इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि पश्चिम एशिया में संघर्ष शुरू होने के बाद यह विश्व नेताओं की पहली बैठक थी. जयशंकर ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा कि कई नेताओं ने इसके बारे में बात की. आतंकवाद की निंदा की गई, नागरिकों के जीवन के नुकसान पर गहरी चिंता जताने के साथ समय पर और पर्याप्त मानवीय सहायता प्रदान करने, संघर्ष को फैलने न देने और फिलिस्तीन मुद्दे का दीर्घकालिक समाधान खोजने की दिशा में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर जी20 सदस्यों ने बंधकों की रिहाई, गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने और कुछ समय के लिए संघर्ष विराम पर बनी सहमति का स्वागत किया.
कनाडा पर बोले विदेश मंत्री
वहीं कनाडाई नागरिकों के लिए भारत द्वारा ई-वीज़ा सेवाओं की बहाली के बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि वीज़ा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि कनाडा की स्थिति ने हमारे राजनयिकों के लिए आवश्यक कार्य करना कठिन बना दिया है. बुधवार को वर्चुअल जी20 लीडर्स समिट के समापन के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कई श्रेणियों में फिजिकल वीजा शुरू हो गया है.