इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर में त्योहारों पर बिगड़ी आबोहवा सुधारने के लिए सख्ती के साथ कुछ अहम बिन्दुओं पर साझा प्लान तैयार किया गया है। मंगलवार को नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अहम बैठक हुई। इसमें कचरा जलाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने के साथ ही ऐसे मामले में नगर निगम कर्मचारी शामिल पाया गया तो नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। मालूम हो कि अगस्त माह में ही स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 के 10 लाख से ऊपर आबादी वाले शहरों में इंदौर 187 अंकों के साथ पहले नंबर पर घोषित हुआ था, लेकिन बीते कुछ माह से शहर की वायु गुणवत्ता चिंताजनक हालत में पहुंच गई है। चौतरफा सवालों के बीच अब जिम्मेदार नए प्लान के साथ मैदान में उतरेंगे।

ग्रीन नेट-रेड लाइट के साथ वर्किंग

निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह ने बताया, नगर निगम ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के कार्यो की मंगलवार को समीक्षा की। बैठक में अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संजय जैन, एडीशनल डीसीपी अरविंद तिवारी, क्लीन एयर केटलिस्ट की टीम, सहित अन्य अफसर मौजूद थे। बैठक में तय किया कि मेकेनाइज्ड स्वीपिंग के दौरान धूल के कण वातावरण में न मिले। बिल्डिंग मटेरियल और मलबे को वाहनों में ले जाते समय ढंककर ले जाना अनिवार्य होगा। कंस्ट्रक्शन के वक्त सभी साइट्स पर ग्रीन नेट से कवर करना अनिवार्य होगा। रेड लाइट होने पर वाहनों के इंजन ऑफ करने और भट्टी फ्री मार्केट का संचालन करने के लिए लोगो को अलर्ट करना है।

एक्यूआइ का डाटा प्रदूषण बोर्ड के पोर्टल पर करेंगे अपलोड

क्लीन एयर केटलिस्ट के तहत एयर क्वालिटी इण्डेक्स निगरानी के लिए शहर में स्थापित नए उपकरण और स्वच्छ वायु संबंधी प्रावधानों को आकार देने के लिए उपयोगी डाटा को सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए। वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए स्थापित उपकरण से वायु प्रदूषण को रोकने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद मिलेगी। नगर निगम को सीएसआर के तहत दो मशीन प्राप्त हुई थी। वह ठीक ढंग से काम नहीं कर रही थी इसलिए कम्पनी के जिम्मेदारो को भी बुलाया गया था। कंपनी को ठीक से मशीन सुचारू करने का कहा गया। इन मशीनों के लिए प्रदूषण विभाग के अफसरों को भी संयुक्त कार्रवाई के लिए कहा गया है।